मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण के समर्थन में कार्यकर्ता मनोज जारंगे भूख हड़ताल पर डटे हुए हैं। जारंगे ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे मराठा समाज को ओबीसी वर्ग से आरक्षण दिलाकर रहेंगे। उनके इस सख्त रुख ने सरकार को दुविधा में डाल दिया है। इसी बीच, राज्य के कई नेता जारंगे से मुलाकात कर रहे हैं। रविवार को एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले भी आजाद मैदान पहुंचीं और जारंगे से बातचीत की। हालांकि, उनकी मुलाकात के बाद मैदान पर अलग ही स्थिति देखने को मिली, जब मराठा प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
मराठा आरक्षण आंदोलन में सुप्रिया सुले का विरोध
सूत्रों के मुताबिक, जब सुप्रिया सुले जारंगे से मुलाकात कर अपनी कार की ओर लौट रही थीं, तभी प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया। “एक मराठा, एक लाख मराठा” जैसे नारे गूंजने लगे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के खिलाफ भी नारे लगाए। इस घटनाक्रम से धरनास्थल पर तनाव का माहौल बन गया। हालांकि, कुछ मराठा कार्यकर्ताओं ने स्थिति संभाली और सुले के लिए रास्ता बनाया, जिससे वे अपनी कार तक सुरक्षित पहुंच सकीं।
तनाव के बीच भी सुप्रिया सुले ने धैर्य नहीं खोया। प्रदर्शनकारियों के विरोध के बावजूद वे शांत रहीं और मुस्कुराकर सभी का अभिवादन किया। उन्होंने हाथ मिलाकर लोगों से संवाद करने की कोशिश की। बाद में जब वे अपनी कार में बैठकर रवाना हुईं, तब भी प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया और नारे लगाए। हालांकि, कुछ प्रदर्शनकारियों ने सहयोग करते हुए उनकी गाड़ी को रास्ता देने में मदद की, जिससे स्थिति और न बिगड़ी।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जारंगे लगातार प्रदर्शनकारियों से शांत रहने की अपील करते रहे। उन्होंने कहा कि आंदोलन का मकसद आक्रामक होना नहीं, बल्कि शांतिपूर्वक आरक्षण हासिल करना है। बावजूद इसके, कुछ प्रदर्शनकारियों की आक्रामकता से कानून-व्यवस्था की चुनौती खड़ी होने की आशंका जताई जा रही है। जारंगे ने दोहराया कि आरक्षण की लड़ाई संयम और शांति से ही लड़ी जाएगी।





