MP Breaking News
Tue, Dec 16, 2025

स्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री बंदी पर विवाद, अजित पवार ने जताई आपत्ति

Written by:Neha Sharma
Published:
कल्याण-डोंबिवली महापालिका ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया, जिससे शहर में विवाद का माहौल बन गया है। नागपुर और अमरावती में भी 15 अगस्त को यह बंदी लागू रहेगी।
स्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री बंदी पर विवाद, अजित पवार ने जताई आपत्ति

कल्याण-डोंबिवली महापालिका ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया, जिससे शहर में विवाद का माहौल बन गया है। इसके बाद मालेगांव और छत्रपति संभाजीनगर में भी अगस्त माह में तीन दिन मांस बिक्री बंद करने का निर्णय लिया गया है। नागपुर और अमरावती में भी 15 अगस्त को यह बंदी लागू रहेगी। महापालिकाओं का कहना है कि यह कदम धार्मिक सौहार्द और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है। हालांकि, इस फैसले पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है, और अब राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस पर असहमति जताई है।

मांस बिक्री बंदी पर विवाद

मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान अजित पवार से जब मांस बिक्री बंदी पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि जब मामला आस्था का होता है, तब यह प्रतिबंध लगाया जाता है। आषाढ़ी, महाशिवरात्रि और महावीर जयंती जैसे अवसरों पर ऐसी बंदी उचित होती है। लेकिन आज देश को आज़ादी मिले 78 साल हो चुके हैं। देश में अधिकांश लोग शाकाहारी हैं, लेकिन कोकण क्षेत्र में साधारण सब्जी में भी सूखी मछली (सुकट) डाली जाती है, जो उनका पारंपरिक आहार है। ऐसे में उनके आहार पर रोक लगाना उचित नहीं। बड़े शहरों में विभिन्न जाति और धर्म के लोग रहते हैं, और यदि भावनात्मक कारण हो तो लोग प्रतिबंध स्वीकार करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर यह बंदी लागू करना कठिनाई पैदा कर सकता है।

पवार ने आगे कहा कि लोगों की भावनाएं महत्वपूर्ण हैं। आस्था और भावना से जुड़े मामलों में उसी दृष्टिकोण से विचार किया जाना चाहिए, लेकिन बिना उचित कारण इस तरह की बंदी लगाना सही नहीं है। उनका कहना है कि किसी भी निर्णय में समाज की विविधता और संवेदनाओं का सम्मान होना चाहिए।

अजित पवार के बयान के बाद अब राज्य सरकार के रुख पर सबकी नज़र है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने यह पेच खड़ा हो गया है कि मांस बिक्री पर लगी बंदी हटाई जाए या बरकरार रखी जाए। महापालिका आयुक्तों का कहना है कि यह फैसला राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार लिया गया है, लेकिन उपमुख्यमंत्री की आपत्ति से स्थिति में भ्रम पैदा हो गया है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेते हैं।