पुणे के हिंजवडी IT पार्क में बुधवार दोपहर एक हैरान करने वाली घटना घटी, जिसने वहां मौजूद सैकड़ों कर्मचारियों की सांसें रोक दीं। दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही ‘इन्फोसिस’ कंपनी की इमारत के ऊपर हेलिकॉप्टर मंडराने लगा और कुछ ही देर में रस्सियों के सहारे NSG कमांडो छत पर उतरने लगे, तो वहां मौजूद लोग घबरा गए। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई और कई लोगों को शक हुआ कि कहीं कोई आतंकी हमला तो नहीं हुआ है। लेकिन थोड़ी ही देर में साफ हो गया कि यह सब कुछ एक पूर्व नियोजित ‘मॉकड्रिल’ का हिस्सा था।
NSG कमांडो की ‘मॉकड्रिल’
इस मॉकड्रिल का आयोजन आतंकवादी हमले जैसे आपातकालीन हालातों से निपटने के अभ्यास के लिए किया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो, पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की टीमों ने मिलकर यह संयुक्त अभ्यास किया। इस अभ्यास का उद्देश्य था IT कंपनियों, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय की जांच करना और देखना कि ऐसी स्थिति में त्वरित कार्रवाई कैसे की जाती है।
घटना के दौरान NSG कमांडो हेलिकॉप्टर से रस्सियों के जरिए सीधे कंपनी की छत पर उतरे। इसके कुछ ही देर बाद भारी हथियारों से लैस पुलिस और क्राइम ब्रांच की गाड़ियां भी मौके पर पहुंचीं। पूरे परिसर को घेरकर जांच शुरू कर दी गई। यह सब कुछ इतना वास्तविक लग रहा था कि कर्मचारियों में डर का माहौल बन गया। कुछ लोगों ने यह दृश्य सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जिससे अफवाहें फैलने लगीं कि हिंजवडी में आतंकी हमला हुआ है।
जैसे-जैसे यह जानकारी फैली, कई कर्मचारियों के परिजनों ने भी कंपनी से संपर्क करना शुरू कर दिया, जिससे मुख्य गेट पर हलचल और भी बढ़ गई। हालांकि, पुलिस ने कुछ ही देर में स्थिति स्पष्ट की और बताया कि यह सिर्फ एक मॉकड्रिल थी। पुलिस ने नागरिकों से अपील की कि ऐसे अभ्यास का उद्देश्य सुरक्षा की तैयारी को परखना होता है और इससे डरने की जरूरत नहीं है।





