महाराष्ट्र के पालघर जिले के तटीय इलाकों में रविवार को तीन संदिग्ध कंटेनर बहकर आने से हड़कंप मच गया। इनमें से दो कंटेनर सतपति समुद्र तट पर और एक शिरगांव समुद्र तट पर मिला। घटना को स्थानीय प्रशासन ने गंभीर सुरक्षा और पर्यावरणीय मामला माना है। तुरंत प्रभाव से तटीय गांवों को अलर्ट पर रखा गया है और समुद्र तटों पर गश्त तेज कर दी गई है। निगम और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों ने भी तुरंत जांच और निगरानी शुरू कर दी है।
अलर्ट की जानकारी मिलते ही भारतीय तटरक्षक बल और पालघर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। सुरक्षा कारणों से समुद्र तटों की घेराबंदी कर दी गई और स्थानीय लोगों को वहां जाने से रोक दिया गया। पालघर के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेकानंद कदम ने बताया कि हमें पालघर तट पर तीन अज्ञात कंटेनरों की सूचना मिली थी। इनमें से दो सतपति और एक शिरगांव समुद्र तट पर पाया गया। हालांकि ज्वार के कारण इन कंटेनरों की जांच फिलहाल जटिल बनी हुई है, क्योंकि समुद्री लहरों के बीच ये आंशिक रूप से जलमग्न हो चुके हैं।
बहकर आए तीन संदिग्ध कंटेनर
कदम ने कहा कि उच्च ज्वार की स्थिति में कंटेनरों तक पहुंचना और उनकी सुरक्षित जांच करना मुश्किल है। इसके लिए तटरक्षक बल के साथ मिलकर समन्वित अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन को संदेह है कि ये कंटेनर किसी जहाज के मलबे से या फिर गहरे समुद्र में संकटग्रस्त जहाज से बहकर आए होंगे। हालांकि अब तक इनके स्रोत या अंदर मौजूद सामग्री के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस और प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं, एहतियातन बम निरोधक दस्ते और खतरनाक सामग्री से निपटने वाली टीम को भी सतर्क रखा गया है।
पालघर तट पर यह पहली घटना नहीं है। इस साल की शुरुआत में वसई समुद्र तट पर भी एक कंटेनर बहकर मिला था, जिसने तटीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे। अब एक बार फिर संदिग्ध कंटेनर मिलने से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। विवेकानंद कदम ने कहा कि हम किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं। जांच में यह देखा जाएगा कि क्या ये कंटेनर समुद्र में तेज लहरों के दौरान जहाजों से गिरे सामान का हिस्सा हैं या फिर इनका संबंध किसी अवैध डंपिंग से है। प्रशासन ने साफ किया है कि जांच पूरी होने तक हर स्थिति से निपटने के लिए सभी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।





