महाराष्ट्र की महायुती सरकार में उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे हाल ही में दो बार दिल्ली दौरे पर गए थे, जिसने राजनीतिक हलकों में उत्सुकता बढ़ा दी थी। अब उनके करीबी और रायगड के मंत्री भरत गोगावले भी अचानक दिल्ली रवाना हो गए हैं। रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर कई महीनों से विवाद चल रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी 15 अगस्त को रायगड में झंडावंदन का सम्मान महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे को दिया गया है, जिससे भरत गोगावले की नाराज़गी की चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अदिति तटकरे को यह सम्मान देकर शिंदे गुट को परोक्ष संदेश दिया है।
रायगड पालकमंत्री पद को लेकर महायुती में हलचल
स्वतंत्रता दिवस पर हर जिले में झंडावंदन की जिम्मेदारी उस जिले के पालकमंत्री को दी जाती है। रायगड का पालकमंत्री पद अभी खाली है, लेकिन राज्य सरकार ने इस बार भी अदिति तटकरे को झंडावंदन की जिम्मेदारी दी है। भरत गोगावले ने इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उन्होंने आज हुई कैबिनेट बैठक में अनुपस्थित रहकर सुबह की फ्लाइट से दिल्ली का रुख किया। सूत्रों के अनुसार, वह रात तक वापस लौटेंगे। चूंकि हाल ही में एकनाथ शिंदे ने भी लगातार दो दिल्ली दौरे किए थे, इसलिए महायुती में चल रही अंदरूनी राजनीति को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कुछ दिन पहले रायगड दौरे पर आए थे और उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता और सांसद सुनील तटकरे के सुतारवाडी स्थित घर जाकर उनके साथ भोजन किया था। इस मुलाकात को भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और सुनील तटकरे के बीच नज़दीकी का संकेत माना गया। उनकी इस बढ़ती राजनीतिक अहमियत को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि रायगड का पालकमंत्री पद अदिति तटकरे को मिल सकता है।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि रायगड का पालकमंत्री पद आखिर किसके खाते में जाएगा। यदि यह पद NCP को मिलता है, तो शिवसेना के मंत्री भरत गोगावले की आगे की रणनीति क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा। यह मामला न सिर्फ रायगड की राजनीति बल्कि महायुती सरकार के भीतर शक्ति संतुलन पर भी असर डाल सकता है।





