नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार (23 अगस्त) को एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि पिछले दस वर्षों से वोट चोरी का खेल चल रहा है और चुनाव आयोग ने इस पर आंख मूंद रखी है। ठाकरे ने कहा कि जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बीजेपी के अनुराग ठाकुर जैसे नेताओं ने भी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे, तब आयोग को जांच करनी चाहिए थी। लेकिन आयोग ने चुप्पी साध ली। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि आने वाले नगरपालिका चुनावों में जीत हासिल करने के लिए हर वोटर लिस्ट की गहन जांच करना बेहद जरूरी है।
राज ठाकरे का बड़ा आरोप
राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि सत्ता और विपक्ष, दोनों की ओर से आरोप लगने के बावजूद चुनाव आयोग ने कार्रवाई से किनारा किया। उनका कहना है कि आयोग इसलिए जांच नहीं कर रहा क्योंकि उसे डर है कि बीते दस सालों की वोट चोरी का सच सामने आ जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन्हीं गड़बड़ियों की वजह से कई बार गलत सरकारें बनीं। हालांकि उन्होंने किसी दल का नाम नहीं लिया, लेकिन साफ कहा कि MNS उम्मीदवार इसलिए हारे क्योंकि जिन वोटों पर उनका हक था, वे उन तक पहुंचे ही नहीं।
उन्होंने बताया कि यह मुद्दा वे 2016 से उठा रहे हैं। “मैंने शरद पवार, सोनिया गांधी, ममता बनर्जी और कई अन्य नेताओं से भी मुलाकात की थी। 2017 में मैंने चुनाव बहिष्कार तक का सुझाव दिया था,” ठाकरे ने कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि असली जनादेश तभी सुरक्षित रहेगा जब वोट चोरी की सच्चाई सामने आएगी। इसके लिए उन्होंने हर कार्यकर्ता से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में वोटर लिस्ट को ध्यान से जांचें।
राज ठाकरे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले INDIA गठबंधन भी सरकार पर वोट चोरी के आरोप लगा रहा है। महाराष्ट्र में MNS 2024 विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत सकी। ठाकरे ने कहा, “मैं पिछले नौ साल से कह रहा हूं कि वोट चोरी हो रही है। वोट लिस्ट में हेरफेर कर सत्ता हासिल की गई और चुनाव आयोग इस पर चुप है।” उनका यह बयान विपक्षी दलों के मौजूदा आरोपों को और मजबूती देता है।





