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Fri, Dec 19, 2025

संजय राऊत का मुख्यमंत्री फडणवीस पर तीखा हमला, गोरंट्याल की भाजपा में एंट्री पर सवाल

Written by:Neha Sharma
Published:
शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राऊत ने एक बार फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पूर्व कांग्रेस विधायक कैलास गोरंट्याल की भाजपा में एंट्री पर भी निशाना साधा।
संजय राऊत का मुख्यमंत्री फडणवीस पर तीखा हमला, गोरंट्याल की भाजपा में एंट्री पर सवाल

शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राऊत ने एक बार फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान पैसों का खुलेआम वितरण हुआ था और इसके पीछे सत्ता पक्ष का हाथ था। उन्होंने पूर्व कांग्रेस विधायक कैलास गोरंट्याल की भाजपा में एंट्री पर निशाना साधते हुए कहा कि “५० खोके एकदम ओके” का नारा देने वाले अब खुद उसी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

संजय राऊत का तीखा हमला

संजय राऊत ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कैलास गोरंट्याल ने खुद 50 खोके की बात कही थी और वही नारा बाद में पूरे देश में चर्चित हुआ। अब वही गोरंट्याल भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गोरंट्याल ने खुद कहा है कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एक-एक विधानसभा क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए और पुलिस की सरकारी गाड़ियों से पैसों का वितरण किया गया। ऐसे माहौल में उन्हें मजबूरी में भाजपा जॉइन करनी पड़ी।

इसके साथ ही संजय राऊत ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र को लेकर जो सवाल उठाए हैं, उस पर फडणवीस को बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन फडणवीस सिर्फ उद्धव ठाकरे पर बयानबाजी तक ही सीमित हैं। राऊत ने तंज कसते हुए कहा कि अब जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ आ गए हैं, तो फडणवीस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।

मराठी भाषा को लेकर भी संजय राऊत आक्रामक नजर आए। उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र है, मराठी माणूस का राज्य है। 106 लोगों ने बलिदान दिया है और कोई अगर मराठी भाषा को नजरअंदाज करता है, तो हम संघर्ष के लिए तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में हिंदी थोपने की बात करने वाले लोग अब महाराष्ट्र में हिंदी लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि जब वह पद पर नहीं होंगे, तब क्या वे अलग विदर्भ की मांग करेंगे?