केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में दिए गए बयान कि “हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता” पर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने इस बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, जाति या पंथ से जोड़ना गलत है और ऐसा करने से समाज में अनावश्यक ध्रुवीकरण होता है।
संजय राउत ने दिया बड़ा बयान
संजय राउत ने ANI को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “एक आतंकवादी की कोई जाति, धर्म या पंथ नहीं होता। आतंकवाद एक मानसिकता है, जिसे किसी एक धर्म से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता को इस तरह का बयान देने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे समाज में अनावश्यक ध्रुवीकरण होता है। पाकिस्तान के लोग हमारे नागरिक कुलभूषण जाधव को `हिंदू आतंकवादी` कहते हैं। क्या हम इसे स्वीकार करते हैं? बिल्कुल नहीं। कुलभूषण एक भारतीय नागरिक है, और हम सभी ने मिलकर उसकी रिहाई की मांग की है। उसी तर्क के आधार पर, किसी भी आतंकवादी को धर्म के चश्मे से नहीं देखा जा सकता।”
राउत की केंद्र सरकार से अपील
राउत ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह पाकिस्तान को दो टूक संदेश दे कि कुलभूषण जाधव भारत का नागरिक है और उसे रिहा किया जाए। साथ ही उन्होंने सरकार को आगाह किया कि देश के अंदर पहले से ही तनाव का माहौल है, ऐसे में सांप्रदायिक आधार पर राजनीति करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान केवल राजनीतिक लाभ के लिए दिए जा रहे हैं, जो देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाते हैं।
अमित शाह ने यह बयान राज्यसभा में यूपीए सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए दिया था। उन्होंने कहा था कि “सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसा शब्द गढ़ा गया था, जबकि एक हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।” उनके इस बयान के बाद संसद से लेकर सड़क तक सियासी माहौल गर्म हो गया।





