महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट के एक बयान ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, “सरकार का पैसा है, हमारे बाप का क्या जा रहा है?” इस टिप्पणी पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी और महायुती सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। विपक्ष ने इस विवादित बयान को लेकर सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निशाने पर लिया, जिस पर फडणवीस को सफाई देनी पड़ी।
फडणवीस ने दी सफाई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती में मीडिया से बातचीत करते हुए इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। जब उनसे पूछा गया कि पहले ही मंत्रियों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई थी, फिर भी संजय शिरसाट और मेघना बोर्डीकर जैसे नेता ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि कुछ बातें भाषण के दौरान मजाकिया लहजे में कही जाती हैं और हर बात का बवाल नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने शिरसाट का बचाव करते हुए कहा कि उनका बयान शायद गंभीर नहीं था, लेकिन फिर भी संयम जरूरी है।
फडणवीस ने आगे कहा कि मीडिया को भी यह समझना चाहिए कि कौन-सी बात गंभीर है और कौन-सी नहीं। उन्होंने संजय शिरसाट को सलाह दी कि उन्हें सोच-समझकर और संयम से बोलना चाहिए। वहीं मेघना बोर्डीकर के बयान को लेकर भी उन्होंने बातचीत की और बताया कि बोर्डीकर का कहना है कि उनके बयान को अधूरा दिखाया गया है, और वे इस बारे में पूरी जानकारी व्यक्तिगत रूप से देंगी।
हाल के दिनों में महायुती सरकार के कई मंत्री विवादों में घिरे हुए हैं। धनंजय मुंडे, माणिकराव कोकाटे, भरत गोगावले, संजय शिरसाट और योगेश कदम पर गंभीर आरोप लगे हैं और उनके इस्तीफे की मांग भी उठ रही है। इससे पहले फडणवीस ने मंत्रियों को गैर-जिम्मेदार बयानबाजी से बचने और मीडिया से केवल कामकाज की बात करने की सलाह दी थी। बावजूद इसके, शिरसाट का बयान सरकार की छवि पर फिर से सवाल खड़े कर रहा है।





