MP Breaking News
Thu, Dec 18, 2025

सुप्रीम कोर्ट का दखल लेने से इनकार, मुंबई में कबूतरखाने बंदी का आदेश बरकरार

Written by:Neha Sharma
Published:
मुंबई में कबूतरखानों पर लगी बंदी के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए पल्लवी पाटील समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट का दखल लेने से इनकार, मुंबई में कबूतरखाने बंदी का आदेश बरकरार

सुप्रीम कोर्ट

मुंबई में कबूतरखानों पर लगी बंदी के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए पल्लवी पाटील समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा कि जब मामले की सुनवाई पहले से ही हाईकोर्ट में चल रही है, तब सर्वोच्च न्यायालय का हस्तक्षेप उचित नहीं होगा। कोर्ट ने अपीलकर्ताओं को सलाह दी कि वे आदेश में बदलाव के लिए हाईकोर्ट का रुख करें। इस बीच, मामले की अगली सुनवाई मुंबई हाईकोर्ट में 13 अगस्त को होगी।

मुंबई में कबूतरखाने बंदी का आदेश बरकरार

बंदी के आदेश बरकरार रहने के कारण मुंबई पुलिस और नगर निगम ने उन स्थानों पर कार्रवाई जारी रखी है जहां लोग आदेश का उल्लंघन कर कबूतरों को दाना खिला रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट ने बिना पूरी दलील सुने जल्दबाजी में अंतरिम आदेश जारी किया, जिससे कबूतरों की जान खतरे में है। उन्होंने दलील दी कि मुंबई में पिछले एक दशक से कबूतरों को दाना डालने के लिए 51 निर्धारित स्थान हैं, जिन्हें अचानक बंद करने का कोई ठोस कारण नहीं है।

अपील में कहा गया कि ऋग्वेद और मनुस्मृति में कबूतरों को शांति का प्रतीक बताया गया है, और हिंदू, जैन व इस्लाम धर्म में उनके संरक्षण का महत्व बताया गया है। अपीलकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि कबूतरों की बीट और पंख से स्वास्थ्य को नुकसान का सीधा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जबकि शहर में प्रदूषण के अन्य प्रमुख कारण वाहन, निर्माण कार्य, उद्योग और होटल हैं। उनके मुताबिक, इन्हीं कारणों से दमा जैसी बीमारियां फैल रही हैं।

मुंबई हाईकोर्ट ने इससे पहले नागरिकों के स्वास्थ्य हित को देखते हुए सभी कबूतरखाने तत्काल बंद करने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार ने 3 जुलाई को विधान परिषद में इसकी घोषणा की थी, जिसके बाद बीएमसी ने बंदी लागू कर दी। बंदी हटाने की मांग हाईकोर्ट ने दो बार खारिज की और यह आदेश भी दिया कि जो लोग बंद कबूतरखानों पर दाना डालेंगे, उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए। इसी निर्देश के तहत पुलिस और बीएमसी सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं।