भूम-परांडा-वाशी विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना विधायक और पूर्व मंत्री तानाजी सावंत लंबे समय से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भी उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से वे हाशिये पर चले गए थे। इस दौरान उन्होंने कई बार विवादास्पद बयान भी दिए थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी और शिवसेना के मुख्य नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नजदीकी बढ़ती दिखाई दे रही है। हाल ही में शिंदे ने पुणे में सावंत के घर जाकर मुलाकात की थी, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच की दूरी कम होने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। अब सावंत की नई फेसबुक पोस्ट ने राजनीतिक हलकों में फिर से अटकलों को हवा दे दी है।
तानाजी सावंत की शिंदे से नजदीकी
अपनी फेसबुक पोस्ट में तानाजी सावंत ने लिखा है, “शिवसेना पक्षाचे मुख्य नेते आणि राज्याचे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्याकडून आज मुंबई येथे तातडीने भेटीचा निरोप आला. या निमित्ताने मी तात्काळ मुंबईला जाऊन त्यांची भेट घेतली. त्यांच्या सोबत तब्बल 2 तास विविध राजकीय घडामोडींवर आणि राज्याच्या विकासाच्या मुद्द्यांवर सखोल चर्चा झाली.” उनकी इस पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या अब उनका पुनर्वसन होने वाला है।
यह पहली बार नहीं है जब दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई हो। कुछ दिन पहले पुणे दौरे पर आए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले टिळक परिवार से मिलकर दिवंगत कुलगुरू दीपक टिळक को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद देर रात कात्रज में तानाजी सावंत के घर पहुंचे। सावंत की हाल ही में एंजियोप्लास्टी की सर्जरी हुई थी, इसलिए शिंदे ने उनकी तबीयत की जानकारी भी ली। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई थी। खास बात यह रही कि इस बैठक में कोई अन्य नेता मौजूद नहीं था।
तानाजी सावंत पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। एक बार उन्होंने कहा था, “मंत्रिमंडल की बैठक में भले ही हम राष्ट्रवादी नेताओं के साथ बैठते हैं, लेकिन बाहर निकलने पर उल्टी होती है।” इस बयान पर काफी हंगामा मचा था। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। अब उनकी शिंदे से बढ़ती नजदीकी और बार-बार हो रही मुलाकातों से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि आने वाले दिनों में उनका राजनीतिक पुनर्वसन हो सकता है।





