महाराष्ट्र के ठाणे में 9 साल पहले हुए एक रोड रेज मामले में सेशन कोर्ट ने रमेश शिटकर नामक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए 1 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी की स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक जिम्मेदारियों को देखते हुए सजा में नरमी बरती गई है। इसके अलावा अदालत ने आरोपी पर ₹10,000 का जुर्माना भी लगाया है। यह घटना 18 नवंबर 2016 की है, जब रमेश शिटकर ने तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हुए ट्रैफिक पुलिसकर्मी से बहस और मारपीट की थी।
9 साल पहले ट्रैफिक पुलिसकर्मी को मारा था थप्पड़
मामला तब सामने आया जब ठाणे के कैडबरी सिग्नल पर ट्रैफिक कांस्टेबल दिलीप पवार ने रमेश शिटकर की तेज रफ्तार कार को रोकने की कोशिश की। शिटकर ने गाड़ी रोककर कांस्टेबल के साथ गाली-गलौच की और उसे कई थप्पड़ मारे। राबोडी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले में कुल 7 गवाहों की गवाही हुई और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने यह माना कि रमेश ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी पर हमला किया।
सेशन कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जी.टी. पवार ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक के कार्य में बाधा डालना) और 332 (लोक सेवक को चोट पहुंचाना) के तहत दोषी पाया। हालांकि, जज ने कहा कि आरोपी के ट्रायल के दौरान उसके व्यवहार, चिकित्सा स्थिति और घरेलू जिम्मेदारियों को देखते हुए उसे कठोर सजा नहीं दी जा सकती। इसलिए एक दिन की जेल और आर्थिक दंड को ही उपयुक्त सजा माना गया।
बचाव पक्ष ने यह दलील दी कि आरोपी को जानबूझकर फंसाया गया था और उसने सिर्फ एक रिक्शा चालक के साथ विवाद को रोकने की कोशिश की थी। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और कहा कि ट्रैफिक कांस्टेबल सिर्फ अपना कर्तव्य निभा रहा था, जिस पर हमला करना गंभीर अपराध है। कोर्ट के इस फैसले को न्याय का संतुलन बनाए रखने वाला कदम माना जा रहा है, जिसमें कानून का पालन और मानवीय पक्ष दोनों को महत्व दिया गया है।





