भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) में 28 विधानसभा सीटों (28 assembly seats) पर हुए उपचुनाव (by-election) में कांग्रेस (congress) को तगड़ा झटका लगा है। जिसके बाद से कांग्रेस लगातार मंथन में जुटी हुई है। वहीं पार्टी के भीतरघात नेताओं पर कार्रवाई भी की जा रही है। इसी बीच सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan singh verma) के एक बयान ने नए वाद-विवाद को जन्म दे दिया है। दरअसल पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने एक बार फिर से ईवीएम (EVM) पर सवाल उठाया है।
दरअसल सज्जन सिंह वर्मा ने खुलासा करते हुए कहा कि उपचुनाव में मतदान (voting) के दौरान कई कंपनियों ने कांग्रेस के साथ संपर्क करने की कोशिश की थी। उन कंपनियों ने ईवीएम हैक (EVM Hack) कर कांग्रेस को सभी सीटों में जीत दिलाने का ऑफर भी दिया था।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस अपने नीति और बलबूते के जरिए सत्ता में आना चाहती थी। इसलिए कांग्रेस ने कंपनियों की ओर से आए ऑफर को ठुकरा दिया था। सज्जन सिंह वर्मा यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि उपचुनाव के परिणाम से संतुष्ट नहीं है और काफी निराश हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा ईवीएम का दुरुपयोग कर चुनाव जीता गया है।
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कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि वह राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) के उस आरोप का समर्थन करते हैं। जिसमें कहा गया है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। ज्ञात हो कि कांग्रेस मतदान से पूर्व लगातार ईवीएम कि सचाई पर लगातार सवाल उठाती रही है। वहीं दिग्विजय सिंह ने साफ-साफ कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और ऐसा ही उपचुनाव में देखने को मिला। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि ईवीएम टेंपर प्रूफ़ नहीं है और इसी वजह से कांग्रेस इस उपचुनाव में उस सीट पर भी हारी। जहां से किसी भी परिस्थिति में कांग्रेस चुनाव नहीं हार सकती थी।
बता दे कि दिग्विजय सिंह के अलावा कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भी ईवीएम की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस चुनाव में लगातार ईवीएम पर सवाल उठाती रही है और उसका मानना है कि चुनाव ईवीएम मशीन की वजह बैलेट पेपर से किया जाना चाहिए। अब ऐसे में सज्जन सिंह वर्मा के इस खुलासे के बाद राजनीतिक हवा एक बार फिर से अपना रुख मोड़ सकती है।