देवास/हॉटपिपल्या,सोमेश उपाध्याय। देवास जिले की हॉटपिपल्या विधानसभा में उपचुनाव (MP Byelection 2020) को लेकर शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया के सातवें दिन सिंधिया समर्थक और पूर्व विधायक व भाजपा प्रत्याशी मनोज नारायण सिंह चौधरी ने भी अपना पर्चा शुभ मुहूर्त में दाखिल किया। चौधरी ने भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल के साथ देवास में रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया। इसके एक दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी कु.राजवीर राजेन्द्र सिंह बघेल भी अपना नामांकन कर चुके है, दोनों दल अपनी-अपनी जीत का दावा भी कर रहे है।
बता दें कि उपचुनाव (MP Byelection 2020) के लिए 9 अक्टूबर से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया की आखिरी तारीख कल यानी 16 अक्टूबर है। नामांकन पत्रों की जांच 17 अक्टूबर को की जाएगी। वहीं उम्मीदवार 19 अक्टूबर तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। विधानसभा उपचुनाव (MP Byelection 2020) के लिए वोट 3 नवंबर को डाले जाने हैं। वहीं मतो की गणना 10 नवंबर को होगी। चुनाव 1 जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर कराए जाएंगे। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए आयोग ने दिशा- निर्देश जारी किए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।
रिटर्निंग अधिकारी प्रदीप कुमार सोनी ने बताया कि बुधवार को छ: नामांकन पत्र दाखिल हुए है। उन्होनें बताया कि राजवीर सिंह बघेल पिता राजेन्द्र सिंह बघेल ने तीन नाम निर्देशन पत्र, रघुवीर सिंह बघेल पिता राजेन्द्र सिंह बघेल, राजेश नागर पिता सज्जनसिंह तथा अजय सिंह पिता बहादुर सिंह ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है। इस तरह अभी तक दस नाम निर्देशन पत्र प्राप्त हुए है।वही आज मनोज नारायण सिंह चौधरी ने भी नामांकन दाख़िल किया है।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।