दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा है कि कमलनाथ जी ने किस संदर्भ में इमरती देवी जी को “Item” कहा मैं नहीं जानता। लेकिन विरोध में भाजपा ने मौन रखने का निर्णय समझ से परे है। जब हाथरस में दलित युवती का बलात्कार हुआ तब भाजपा द्वारा एक शब्द इस घटना के ख़िलाफ़ में क्यों नहीं निकला? मामा मदारी का रोल ना करो नाटक नौटंकी बंद करो।
वही दूसरे ट्वीट में कैबिनेट मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चरणों में सिर रखने को लेकर दिग्विजय ने लिखा है कि पैरों में गिरे आदमी को कैमरे के सामने बुला कर फिर पैरों में गिराया। ये आदमी पैरों में गिरा और शिवराज नज़रों में गिरा!
कमलनाथ पर भड़की मायावती, माफी की मांग
इधर, बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) इमरती देवी के समर्थन में उतर आई है मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि मध्यप्रदेश में ग्वालियर की डाबरा रिजर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव (By-election) लड़ रही दलित महिला के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम द्वारा की गई घोर महिला-विरोधी अभद्र टिप्पणी अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय। इसका संज्ञान लेकर कांग्रेस (Congress) आलाकमान को सार्वजनिक तौर पर माफी माँगनी चाहिए।वही मायावती ने आगे लिखा है कि साथ ही, कांग्रेस पार्टी को इसका सबक सिखाने व आगे महिला अपमान करने से रोकने आदि के लिए भी खासकर दलित समाज के लोगों से अपील है कि वे एम.पी. में विधानसभा की सभी 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में अपना वोट एकतरफा तौर पर केवल बी.एस.पी. उम्मीदवारों को ही दें तो यह बेहतर होगा।
भाजपा का मौन व्रत
कमलनाथ के बयान के बाद बीजेपी ने मौका लपकते हुए कांग्रेस को घेरना शुरु कर दिया है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने माफी की मांग की है। इसके लिए सीएम शिवराज, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत कई भाजपा नेता भोपाल में पुरानी विधानसभा के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे है।वही बीजेपी कमलनाथ के विवादित बयान की शिकायत चुनाव आयोग से भी कर चुकी है, मांग की गई है कि कमलनाथ को चुनाव प्रचार से रोका जाए।
कमलनाथ के बयान से खड़ा हुआ है सारा बवाल
दरअसल, रविवार को कमलनाथ डबरा से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे (Congress candidate Suresh Raje) के समर्थन में सभा को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने इमरती देवी पर तंज कसते हुए कहा कि आप तो उसे मुझसे ज्यादा पहचानते है, आपको मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, ये क्या आईटम है। इतना कहते ही कमलनाथ मुस्कुराए तो जनता ने भी तालियां के साथ ठहाके लगाना शुरु कर दिए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल होने के बाद बवाल खड़ा हो गया है। भाजपा के साथ BSP और दलित समाज भी विरोध में उतर आया है।भाजपा ने कमलनाथ ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की है।
विवाद के बाद बैकफूट पर कमलनाथ
बयान पर बवाल बचने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) और कांग्रेस बैकफूट पर आ गई है और सफाई दे रही है। कमलनाथ ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि हां मैंने आइटम (Item) कहा है क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है। मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम है और इस अर्थ में हम सभी आइटम है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में भी आइटम नंबर लिखा जाता है। क्या यह असम्मानजनक है?शिवराज जी अभी चुनाव में 15 दिन बचे और आप इतने हताश हो गए हैं कि आप शब्दों के अर्थ बदल कर चुनाव जीतना चाहते हैं।
बयान से इमरती देवी आहत
कमलनाथ के बयान से आहत महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने पलटवार किया है। उनका कहना है कि कमलनाथ बंगाली है, महिलाओं का सम्मान करना वह क्या जाने। नवदुर्गा (Navratri) में जिस तरह से महिलाओं का सम्मान किया जाता है उसे कमलनाथ वाकिफ नहीं है । उल्टे जब से मुख्यमंत्री पद से वह हटे हैं तब से वह पागल हो गए हैं और वह कुछ भी अनाप-शनाप बक रहे हैं उनके इस बयान का जवाब तो जनता ही उन्हें देगी।अब इसमें हम क्या कह सकते हैं, कुछ भी नहीं कह सकते।