MP By-Election 2020 – क्या दागदार नेता बचा संकेंगे अपनी पार्टी की साख, अब जनता को करना है फैसला

जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश की 28 सीटों में होने वाले उपचुनाव (MP By-Election 2020) को लेकर भले ही सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को टिकिट दे दिया हो पर पार्टी ने ये जानने की कोशिश नहीं की हम जिस प्रत्याशी को टिकिट दे रहे है उसका बैक ग्राउंड क्या है, क्या कही उसकी आपराधिक छवि पार्टी की साख को डूबा तो नहीं देगी। हाल ही में जिन 28 सीटों पर चुनाव हो रहे है उन सीटो में 18% ऐसे प्रत्याशी है जिन पर आपराधिक मामले दर्ज है, वहीं 11% ऐसे प्रत्याशी है जिन पर गंभीर अपराध हत्या, हत्या का प्रयास, रेप, गैंगरेप जैसे संगीन अपराध दर्ज है।

Association For Democratic Refarma (ए.डी.आर) की रिपोर्ट के मुताबिक ये है  प्रत्याशीयो द्वारा घोषित आपराधिक मामले, लोकतंत्र में होने वाले चुनाव को लेकर कई तरह की सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले(adr) ने मध्यप्रदेश की 28 सीट पर होने वाले उपचुनाव में खड़े हुए राजनीतिक दलों के प्रत्याशीयो का बायोडेटा निकाला है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है। आप भी जाने क्या है प्रत्याशियों का रिकॉर्ड……


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।