भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की विदिशा सीट पर इस बार सबकी निहागें हैं। यह सीट विवादों से घिरी रही है। यहां से 2008 में पूर्व वित्त मंत्री राघव जी विधायक चुने गए थे। लेकिन यौन शोषण के मामले में उलझे मंत्री जी को सीट से हाथ धोना पड़ा था। इस बार भाजपा ने इस सीट पर मुकेश टंडन पर भरोसा जताया है।
लेकिन इस सीट को भाजपा ने बचाने के लिए बड़ा प्रयास किया था। जब राघवजी यौन शोषण का आरोप में फंसे तो पार्टी की काफी किरकिरी हुई थी। 2013 इस सीट को सुरक्षित रखने के लिए भाजपा के थिंक टैंक ने एक ऐसा रास्ता निकाला जिससे सीट भी बच गई और राघवजी को टिकट भी नहीं देना पड़ा। दरअसल साल 2013 में विधानसभा चुनाव में राघवजी की खराब छवि के कारण पार्टी ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था। लेकिन उनके बगावति तेवर को देखते हुए पार्टी ने एक ऐसी रणनीति बनाई जिसके आगे राघवजी घराशायी हो गए। भाजपा ने सीएम शिवराज को बुदनी के साथ विदिशा सीट पर भी चुनाव लड़ाया। इस सीट पर भी शिवराज को भारी मतों से जीत मिली थी।
जीत के बाद फिर शिवराज को यह सीट छोड़ना पड़ी। बाद में इस सीट पर उपचुनाव हुए और भाजपा के कल्याण सिंह यहां से विधायक बने। लेकिन इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा ना जताते हुए मुकेश टंडन को टिकट दिया है। वह सीएम शिवराज के खास माने जाते हैं। विदिशा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है