Interesting Facts About Taj Mahal : ताजमहल प्यार का प्रतीक है जो कि उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है। इस मकबरे को शाहजहां ने अपनी बेगम की याद में बनवाया था। बता दें ताजमहल वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। साल 1983 में यूनेस्को ने ताजमहल को विश्व धरोहर का दर्जा दिया है।
यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां दीदार करने आते हैं और अपने साथ काफी सारे यादगार लम्हें ले जाते हैं। बता दें कि यह मकबरा 17-हेक्टेयर (42 एकड़) जगह पर फैला हुआ है, जिसमें एक मस्जिद और एक गेस्ट हाउस भी है। इसके अंदर और इसके नीचे मुमताज महल की कब्र के अलावा कई कमरे भी मौजूद हैं, जिनमें से कई कमरे मुगल काल से ही बंद है।
ताजमहल एक ऐसी जगह है जो न केवल एक ऐतिहासिक और सैर-सपाटे का स्थान होता है बल्कि यह एक प्रेम की निशानी भी है। इसलिए, नवविवाहित जोड़ों और प्रेमी-प्रेमिकाओं को अक्सर इस जगह पर जाने का जज्बा होता है। इसे विशेष रूप से विभिन्न त्यौहारों और महत्वपूर्ण अवसरों पर भी देखा जाता है।
तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको ताजमहल से जुड़ी 10 दिलचस्प राज बताते हैं, जिसे सुनकर आपके मन में इसका दीदार करने की लालसा और अधिक बढ़ जाएगी।
ताजमहल की 10 दिलचस्प बातें
- ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में कराया था।
- जिसका निर्माण 1632 से 1653 तक चला था और उसके निर्माण में लगभग 22,000 शिल्पकारों ने काम किया था।
- यह एक शानदार मकबरा है और उसमें शाहजहाँ और मुमताज महल की कब्रें स्थित हैं।
- ताजमहल का नाम अरबी भाषा में “ताज” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “ताजी”।
- इसका निर्माण कार्य मुगल शासक और उनके मंत्रियों द्वारा संचालित एक विशाल परियोजना थी।
- ताजमहल का नक्शा और डिजाइन नेपोलियन बोनापार्ट को बहुत पसंद था और वह इसे बहुत अच्छी तरह से समझता था।
- इसकी सुंदरता दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करती है और यह भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
- दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक ताजमहल है।
- वर्ष 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकार किया गया था।
- इसके निर्माण में उस वक्त 3.2 करोड़ रुपए का खर्च आया था।
ताजमहल को क्यों कहा जाता है प्यार की निशानी
ताजमहल को प्यार की निशानी कहा जाता है क्योंकि इसे मुग़ल शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। इस भवन का निर्माण शाहजहाँ ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद करवाया था और इसे एक प्रेम उपहार के रूप में समझा जाता है। ताजमहल की शानदार सजावट और उसकी अत्यंत सुंदरता ने इसे दुनिया के सुंदरतम भवनों में से एक बना दिया है।
रंगीन बेशकीमती स्टोंस का इस्तेमाल
ताजमहल के निर्माण में इस्तेमाल किए गए पत्थरों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसमें लगभग 28 तरह के रंगीन बेशकीमती स्टोंस शामिल थे, जिन्हें अलग-अलग उम्र की खनिज पट्टियों से प्राप्त किया गया था। इन स्टोंस की चमक और रंग समय के साथ फीकी नहीं पड़ती है, जिससे ताजमहल की खूबसूरती को और बढ़ा देता है। इन पत्थरों का चयन अत्यंत सावधानीपूर्वक किया गया था ताकि वे बर्फीले क्षेत्रों में भी खड़े रह सकें और यूवी रेडिएशन और वायु प्रदूषण का सामना कर सकें।
पर्यटकों को लुभाती है इसकी खूबसूरती
इन पत्थरों की खासियत यह है कि वे अलग-अलग प्रकार के पत्थरों से बने हैं जो सूर्य के प्रकाश के साथ अलग-अलग रंग धारण करते हैं। सुबह के समय ताजमहल का रंग गुलाबी होता है, दोपहर में वह सफेद दिखता है और रात को सुनहरे रंग में चमकता है। यह ताजमहल के निर्माण में उपयोग किए गए पत्थरों के विशेष रंग के कारण होता है जो समय के साथ अपना रंग नहीं बदलते हैं। पूर्णिमा की रात इसकी रोशनी सफेद लाइट की तरह चमकती है। यह दिन पर्यटकों को काफी लुभाती है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। MP Breaking News इनकी पुष्टि नहीं करता है।)