ताजमहल की मस्जिद में 4 पर्यटक पढ़ रहे थे नमाज़, नियमों के उल्लंघन का आरोप, प्रशासन ने की सख्त कारवाई

Manisha Kumari Pandey
Published on -

अगरा, डेस्क रिपोर्ट। ताजमहल (Tajmahal) मोहब्बत की निशानी है। आगरा के इस एतेहासिक धरोहर के परिसर में एक मस्जिद भी है, जहां सिर्फ शुक्रवार को ही नमाज़ पढ़ने की अनुमति है। देश- विदेश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक यहाँ आते है और ताजमहल की खूबसूरती का दीदार करते हैं। काफी लंबे समय से ताजमहल धार्मिक विवादों के कारण सुर्खियों में है। एक बार फिर इसकी चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, हुआ यह की 4 पर्यटक ताजमहल के मस्जिद में नमाज़ पढ़ रहे थे। क्योंकि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया इसलिए उन्हें प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों की माने तो 3 हैदराबाद के युवक है तो वहीं एक आजमगढ़ से है। पर्यटकों के मुताबिक उन्होंने यह कदम अनजाने में उठाया।

यह भी पढ़े… MP में आज नहीं हुए पेट्रोल-डीजल के रेट में कोई बदलाव, प्रदेश के इन शहरों में ईंधन सबसे सस्ता, जानें

जुम्मा यानि शुक्रवार के दिन ताजमहल के मस्जिद परिसर में मुस्लिम समुदाय के लोग आईडी दिखा कर नमाज़ अदा कर सकते है। लेकिन अन्य दिनों ऐसा करना नियमों के खिलाफ होता है। लेकिन जब बुधवार को बाहर से आए लोगों ने ताजमहल में नमाज़ पढ़ते दिखे तो सीआईएसएफ जवानों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल चारों पर धारा 153 के तहत केस दर्ज किया गया है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News