नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रेलवे के लाखों पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। केन्द्र सरकार ने रेल मंत्रालय (Rail ministry) ने पेंशन भोगियों को पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकार क्षेत्र में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 1 जनवरी 1996, 1 जनवरी 2006 और 1 जनवरी 2016 के बाद पेंशन और फैमिली पेंशन पा रहे पेंशनरों की पेंशन रिवाइज की जाएगी। इसका लाभ 5वें, छटे और 7वें वेतन आयोग के पेंशनरों को मिलेगा।
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सरकार की मंजूरी के बाद पेंशन नियम, जो केंद्र सरकार के सभी पूर्व कर्मचारियों को नियंत्रित करते हैं, रेलवे अधिकारियों पर भी लागू होंगे। अबतक विभाग के संगठनात्मक ढांचे के कारण, पेंशन रेल मंत्रालय द्वारा प्रशासित रेलवे सेवा (पेंशन) नियम, 1993 द्वारा शासित होते थे, न कि DoP&PW द्वारा, हालांकि नियमों के दो सेटों में समानताएं हैं। इसका फायदा 5वें, छठे और 7वें वेतन आयोग के पेंशनरों के साथ नौकरी पूरी कर रिटायर कर्मचारियों और फैमिली पेंशन पाने वाले पेंशनरों और परिवारों को भी होगा।
इस फैसले के बाद रेल के कर्मचारियों पेंशनर्स पर केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को सूचित करने वाले पेंशन नियम ( Pension rule) लागू होंगे। केंद्र सरकार सरकार ने यह फैसला कई पेंशनरों की दरख्वास्त और कुछ अदालती आदेश मिलने के बाद व्यय विभाग द्वारा विचार पर किया गया है। इसमें कुछ ऐसे मामले भी है, जहां कम्प्लसरी रिटायरमेंट पेंशन या कंपेशनेट अलाउंस उस दर पर दिया गया जो पूरी पेंशन से कम है, वहां इसे आनुपातिक रिवीजन के तहत लागू किया जाएगा हालांकि फैमिली पेंशन की रकम में कोई कमी नहीं की जाएगी।
इस फैसले के बाद अब कार्मिक, लोक शिकायत एवं कानून एवं न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति द्वारा पेंशन नियमों में बदलाव के लिए उनके डेटा को भविष्य पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा और पेंशनभोगियों को भी वेबसाइट पर भी पंजीकरण करना पड़ सकता है। इस कदम से पेंशनभोगियों को त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली तक पहुंचने में लाभ और रीयल-टाइम अपडेट और पेंशन की जानकारी वाला एक डैशबोर्ड मिलेगा। जल्द ही इसके लिए इंटीग्रेटेड की प्रक्रिया शुरू होगी।