लाखों कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा, 20 अक्टूबर तक मिल जाएगी सैलरी, वित्त विभाग का आदेश जारी

Pooja Khodani
Published on -
minimum wage

पटना/रांची, डेस्क रिपोर्ट। बिहार और झारखंड के सरकारी कर्मचारियों-शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने त्यौहारों को देखते हुए कर्मचारियों को अक्टूबर का वेतन नवंबर में ना देकर 20 अक्टूबर तक देने का फैसला किया है।इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।राज्य सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों-अधिकारियों में खुशी की लहर है।

कर्मचारियों को मिलेंगे फिर 2 तोहफे! सैलरी में आएगा बंपर उछाल, जानें डीए-भत्तों पर अपडेट

दरअसल, दीपावली, भाई दूज, छठ पर्व को देखते हुए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य सरकार के अंतर्गत सचिवालय एवं संघ कार्यालय सहित सभी कार्यालय अधिकारी, कर्मियों, राज्यपाल सचिवालय, झारखंड हाई कोर्ट सहित विधान सभा सचिवालय में कार्य सभी कर्मियों को अक्टूबर का वेतन 20 अक्टूबर का फैसला किया है।

इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है। इसके लिए वित्त विभाग ने महालेखाकार कार्यालय, सभी राज्य के कार्यालय ट्रेजरी अधिकारियों को पत्र भी लिखा है।वही बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने भी राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को 20 अक्टूबर को वेतन का भुगतान करने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को यह जानकारी दी।दशहरा के पहले भी सरकार ने कर्मचारी हित में त्योहार के पहले वेतन के भुगतान का निर्देश दिया था।

शिवराज कैबिनेट के 7 बड़े फैसले: स्व सहायता को नई जिम्मेदारी, नए पदों का सृजन, इस नियम में संशोधन, सभी जिलों को लाभ

वित्त मंत्री ने कहा कि आगामी दीपावली और लोक आस्था के महापर्व छठ को देखते हुए विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से परामर्श के बाद राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को अक्टूबर का वेतन भुगतान 20 अक्टूबर से पहले ही कराने का निर्णय लिया है। इस फैसले से करीब चार लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को त्योहार के पूर्व वेतन का भुगतान होगा। इसे लेकर सरकार ने वित्त विभाग के सचिव लोकेश कुमार प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, कोषागार पदाधिकारी, सभी विभागों के सचिव, विधानसभा, विधानपरिषद और राज्यपाल के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News