Employees New Scheme : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। पुरानी पेंशन योजना और पदोन्नति पर कर्मचारी लगातार सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नई तैयारी की हुई है। जिससे 20 लाख शासकीय कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा एक तरफ जहां केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर कर्मचारियों का महंगाई भत्ता देने की तैयारी की गई है। दूसरी तरफ नए साल में उन्हें अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की तैयारी
शिवराज सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू किया जा सकता है। इसके तहत कर्मचारियों को नए साल में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा सकती है। हालांकि इस योजना के कर्मचारियों के वेतन से अंशदान काटा जाएगा और सरकार द्वारा भी शेष राशि का भुगतान किया जाएगा। इस तरह देश और प्रदेश के बड़े अस्पतालों में कर्मचारियों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
मिलेगी यह सुविधाएं
सरकार द्वारा की गई तैयारी और प्रावधानों के तहत योजना में प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी शामिल किया जाएगा। अधिकारी कर्मचारी सहित सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिवार को सामान्य इलाज के लिए 5 लाख जबकि गंभीर मामलों के इलाज के लिए 10 लाख रुपए तक की निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सकती हैं। हालांकि इसके लिए कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से ढाई सौ से लेकर 1000 रुपए तक मासिक अंशदान में कटे जाएंगे साथ ही शेष राशि सरकार द्वारा भी मिलाई जाएगी।
कर्मचारियों की संख्या 20 लाख से अधिक
सरकार की इस योजना का लाभ नियमित कर्मचारी सहित विनियमित, संविदा, शिक्षक संवर्ग, कार्यभारित, नगर सैनिक, सेवानिवृत्त कर्मचारी, राज्य की स्वशासी संस्था में कार्यरत कर्मचारी को मिलेगा। इन कर्मचारियों की संख्या 20 लाख से अधिक मानी जा रही है।
कर्मचारियों के लिए निशुल्क इलाज की घोषणा
मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना का संचालन नीरा में सोसायटी के माध्यम से करने की तैयारी की गई है। फरवरी 2020 में सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों के लिए निशुल्क इलाज की घोषणा की गई थी। मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के लिए आदेश भी जारी किया गया था। हालांकि क्रियान्वयन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है। अब विधानसभा चुनाव को देखते हुए और कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के बीच कर्मचारियों को खुश करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना को लागू किया जा सकता है।