रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA Hike) 28 फीसदी (7 Pay Commission) बढ़ाने के बाद राज्यों में भी DA की मांग जोर पकड़ने लगी है।अब हर राज्य में सरकारी कर्मचारियों द्वारा केंद्र के समान महंगाई भत्ते की मांग की जा रही है, हालांकि यूपी, बिहार, पंजाब और केरल जैसे राज्यों की सरकारों ने इस मांग को पूरा कर दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश की तरह अब छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों (Government Employee) को इस खुशखबरी का इंतजार है।
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दरअसल, बीते दिनों छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Employees-Officers Federation) ने भूपेश सरकार (Chhattisgarh Government) को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 30 अगस्त तक महंगाई भत्ता (dearness allowance) नहीं बढ़ाया जाता है कि वे 3 सितंबर को कलम बंद मशाल उठा आंदोलन करेंगे।इसके बाद भी राज्य सरकार समय रहते कोई निर्णय कर्मचारीहित में नहीं लेती है तो अनिश्चितकालिन आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।इस संबंध में मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा था।
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छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का कहना था कि केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 17 से 28 प्रतिशत हो गया है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय सेवकों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2019 से मात्र 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, राज्य के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से 16 प्रतिशत पीछे हो गए है, इस कारण प्रतिमाह के वेतन में 4-5 हजार रुपए आर्थिक क्षति हो रही है, ऐसे में जल्द से जल्द महंगाई भत्ते की घोषणा की जाए।केंद्र ने 28 फीसदी DA बढ़ा दिया है, लेकिन अब तक राज्य के शासकीय सेवकों के लंबित मांगों से संबंधी 14 सूत्रीय मांगों को पूरा तक नहीं किया गया है।
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महंगाई भत्ते को लेकर छत्तीसगढ़ में आज सभी सरकारी कर्मचारी अधिकारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान जिला मुख्यालयों और अलग अलग जिलों में प्रदर्शन किया जाएगा और फिर मुख्य सचिव को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की मांग है कि केंद्र के समान राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को भी DA दिया जाए। इसके अलावा नियमितीकरण, पुराना पेंशन बहाली, विभागीय पदोन्नति-समयमान वेतनमान स्वीकृति समेत 14 सूत्रीय मांगें को भी पूरा किया जाए।