कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, 8वें वेतन आयोग पर ताजा अपडेट, सैलरी में हो सकती है बंपर वृद्धि

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। फेस्टिवल सीजन में केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government employees) के लिए एक और अच्छी खबर आई है। 8वें वेतन आयोग पर ताजा अपडेट सामने आया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 तक 8वें वेतन आयोग को लाया जा सकता है, इसको लेकर सरकार विचार कर रही है।7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.57 गुना रखा गया और बेसिक सैलरी 18000 है। वही 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 3.68 फीसदी कर मिनिमम बेसिक सैलरी को बढ़ाकर 26000 रुपए किया जा सकता है।हालांकि अभी कोई अधिकारिक पुष्टि या बयान सामने नहीं आया है।

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दरअसल, बीते दिनों केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल पर लिखित में जवाब देते हुए कहा है कि 8वें वेतन पर सरकार अभी कोई विचार नहीं कर रही है। 8वें वेतन आयोग के गठन का सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है। फिलहाल सातवां वेतन आयोग जारी रहेगा और इसके तहत ही कर्मचारियों को वेतन-पेंशन सहित महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते दिए जाएंगे। उनसे पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार के सामने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रस्ताव है जिससे उसकी सिफारिशों को एक जनवरी 2026 से लागू किया जा सके।हालांकि उन्होंने पूरी तरह से इंकार भी नहीं किया था, ऐसे में नए साल से पहले एक बार फिर 8वें वेतन आयोग की चर्चा जोरों पर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही फिटमेंट फैक्टर में भी इजाफा होगा। चुंकी केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।वर्तमान में 7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी 2.57 फीसदी फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से तय होती है , अगर इसे लागू किया जाता है तो सैलरी स्ट्रक्चर मे भी बदलाव देखने को मिलेगा और लेवल मैट्रिक्स 1 से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये से शुरू हो जाएगी।वही हर साल परफॉरमेंस के आधार पर सैलरी तय होगी। इससे न्यूनतम सैलरी वालों को ज्यादा लाभ मिलेगा और अधिकतम सैलरी वालों की 3 साल के अंतराल पर सैलरी रिवाइज की जा सकती है।

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खास बात तो ये है कि 8वें वेतन आयोग की चर्चा ऐसे समय पर हो रही है जब हाल ही में लेबर म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से अगस्‍त के AICPI इंडेक्स के आंकड़े जारी कर द‍िये गए हैं, जुलाई के मुकाबले अगस्‍त के आंकड़े 0.3 अंक की वृद्धि हुई हैं, अगस्त में यह आंकड़ा 130 के पार 130.2 पर पहुंच गया है, ऐसे में जनवरी 2023 में एक बार फिर करीब 3 से 4% तक डीए बढ़ने का अनुमान लगाया गया है, ऐसे में जनवरी में डीए बढ़कर 41 या 42 प्रत‍िशत होने की उम्‍मीद है,इससे कर्मचार‍ियों की सैलरी में अच्‍छा खासा इजाफा होगा। इसका लाभ 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा।

नए फॉर्मूले पर भी हो सकता है विचार

बता दे कि दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 के संसद में दिए अपने एक भाषण ने इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार को वेतन आयोग से आगे कर्मचारियों की सैलरी को लेकर विचार करना चाहिए, ऐसे संभावना जताई जा रही है कि मोदी सरकार अब नया वेतन आयोग ला सकती है या फिर कर्मचारियों की सैलरी के लिए नए फॉर्मूले पर भी विचार कर सकती है।इसके बदले केंद्र सरकार निजी कंपनियों के तहत सरकारी कर्मचारियों की परफॉर्मेंस के आधार पर वेतन वृद्धि कर सकती है।  इसके लिए  2024 तक नया प्लान लाया जा सकता है, इसे ऑटोमेटिक पे रिविजन’ का नाम दिया जा सकता है, जिससे 50% DA होने पर वेतन में ऑटोमेटिकली इजाफा हो जाए,  हालांकि  अभी तक सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक पुष्टि नही की गई है।

अबतक 10 वेतन आयोग गठित

बता दे कि 1947 के बाद से अबतक 10 वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है। केन्द्र सरकार हर 10 वर्ष पर नए वेतन आयोग का गठन करती है, जिसकी सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनधारकों के पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है। सातवें वेतन आयोग का गठन यूपीए सरकार द्वारा 24 फरवरी 2014 को किया गया था। 2006 और 2016 में जिस छठे और सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की सिफारिश की थी और उसे स्वीकार करते हुए सरकार ने वेतन बढ़ाया भी था, इस हिसाब से अगर देखें तो अगला वेतन आयोग यानी 8वां वेतन आयोग साल 2026 तक लागू हो सकता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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