कर्मचारियों को फिर मिलेगा तोहफा! जुलाई में इतने प्रतिशत बढ़ेगा महंगाई भत्ता, सैलरी में होगी वृद्धि, जानें DA Hike पर नया अपडेट

वर्तमान में कर्मचारियों को 50% डीए का लाभ मिल रहा है, अब अगला डीए जुलाई 2024 में तय होगा, जो जनवरी से जून 2024 के AICPI इंडेक्स के आंकड़ों पर निर्भर करेगा। संभावना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कर्मचारियों पेंशनरों को बड़ा तोहफा मिल सकता है।

Pooja Khodani
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Central Employee DA Hike 2024 : आज 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद स्थिति साफ हो जाएगी कि केन्द्र में किसकी सरकार बनेगी। मोदी सरकार कुर्सी बचाने में कामयाब होगी या फिर इंडी गठबंधन नई इबारत लिखेगा। वही नई सरकार बनने के बाद केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को भी तोहफा मिल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई सरकार के गठन के बाद अगले महंगाई भत्ते और 8वें वेतन आयोग पर फैसला हो सकता है, हालांकि अभी तक अधिकारिक पुष्टि या बयान सामने नहीं आया है।

साल में 2 बार बढ़ता है महंगाई भत्ता

दरअसल, केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा बढ़ती महंगाई के बीच राहत देने के लिए सरकारी कर्मचारियों को सैलरी में जोड़कर साल में दो बार जनवरी/जुलाई में डीए दिया जाता है। खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए AICPI इंडेक्स के छमाही के आंकड़ों के आधार पर इसे संशोधित किया जाता है। वही पेंशनभोगियों को भी यह राहत डीआर या महंगाई राहत के तौर पर मिलता है। वर्तमान में कर्मचारियों को 50% डीए का लाभ मिल रहा है, अब अगला डीए जुलाई 2024 में तय होगा, जो जनवरी से जून 2024 के AICPI इंडेक्स के आंकड़ों पर निर्भर करेगा। संभावना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कर्मचारियों पेंशनरों को बड़ा तोहफा मिल सकता है।

महंगाई भत्ते में 3 से 4% वृद्धि संभव

AICPI इंडेक्स के जनवरी तक के आंकड़े पर नजर डालें तो DA का नंबर 138.9 अंक और डीए का स्कोर 50.84 फीसदी पहुंच चुका है लेकिन फरवरी मार्च अप्रैल के आंकड़े अबतक नहीं आए है। अगर लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद श्रम मंत्रालय फरवरी मार्च और अप्रैल के AICPI इंडेक्स के आंकड़े जारी करता है तो इससे संकेत मिल जाएगा कि जुलाई में कितना डीए बढ़ेगा।अगर डीए का स्कोर जून तक 53 से पार पहुंचता है तो 3 से 4% डीए का बढ़ना तय है यानि डीए 50% से बढ़कर 53% या 54% हो जाएगा । इससे सैलरी में 10,000 तक की वृद्धि देखने को मिलेगी।नई दरों का ऐलान अगस्त सितंबर में हो सकता है।

54 फीसदी डीए होने पर कितनी बढ़ेगी सैलरी?

  • अगर डीए 54% होता है तो कर्मचारियों की सैलरी और भत्ते में बड़ा इजाफा होगा। उदा. बेसिक सैलरी 50000 है तो इसका 4% यानी 2000 DA बढ़ेगा यानि जुलाई की सैलरी में आपको 2000 महंगाई भत्‍ते के रूप में बढ़कर मिलेंगे।
  • कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 3 % का इंक्रीमेंट हर साल किया जाता है, इसी आंकड़े को आधार माना जाए तो जुलाई में फिर 3% का इंक्रीमेंट हो सकता है।बेसिक सैलरी 50000 रुपये है तो 3% इंक्रीमेंट के तौर पर 1500 रुपये बढ़ जाएंगे । इस तरह कर्मचारियों की सैलरी में 1,500 और 2000 मिलाकर कुल 3500 रुपये की वृद्धि होगी।
  • किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18 हजार रुपये है, तो 54 फीसदी महंगाई भत्ते के हिसाब से उसके वेतन में हर माह लगभग 720 रुपये तो 9720 रुपये लाभ मिलेगा। 52 हजार रुपये बेसिक सैलरी है तो हर माह 2080 रुपये के हिसाब से 28080 रुपये मिलेंगे। एक लाख रुपये बेसिक सैलरी वाले कर्मियों को हर माह 4000 रुपये के हिसाब से 54000 रुपये लाभ होगा।

8वां वेतन आयोग लागू हुआ तो 44% बढ़ेगी सैलरी?

  •  श्रम मंत्रालय द्वारा अबतक फरवरी मार्च अप्रैल के AICPI इंडेक्स के आंकड़ों जारी नहीं हुए है, जिसके चलते अगले डीए की दरों में संशोधन को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई । वही केन्द्र सरकार के नियम के तहत “डीए 50% होने पर शून्य हो जाएगा” के चलते भी अबतक स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि जुलाई में अगला डीए बढ़ेगा या फिर सैलरी का नया फॉर्मूला लागू होगा।
  • चुंकी अबतक हर 10 सालों में नए वेतन आयोग का गठन होता आया है। 7वां वेतन आयोग 2013 में गठित हुआ था, जबकि इसकी सिफ़ारिशें 2016 में लागू हुई थी। इसमें भी फिटमेंट फैक्टर को आधार मानते हुए 2.57 गुना की वृद्धि की गई, जिससे वेतन वृद्धि 14.29% हुई और बेसिक सैलरी 18000 रुपए हो गई। इस आधार पर अगर नई सरकार के गठन के बाद 10 साल के पैटर्न के हिसाब से 2025-26 में 8वां वेतन आयोग लागू किया जाता है तो सैलरी में 44.44% की वृद्धि होगी और फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़ाकर 3.68 के आधार पर न्यूनतम वेतन 26000 किया जा सकता है।इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। हालांकि अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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