8th Pay Commission : 23 जुलाई को केन्द्र की मोदी सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करने जा रही है, ऐसे में इस बजट से हर वर्ग को बड़ी उम्मीदें है। खास करके केन्द्रीय कर्मचारियों,पेंशनरों, नौकरीपेशा, किसानों और टैक्सपेयर्स को इस बजट से बड़ी आस है। केन्द्रीय कर्मचारियों ने तो 8वां वेतन आयोग, पुरानी पेंशन और 18 महीने का डीए एरियर को लेकर एक प्रमोजल भी केन्द्र सरकार को भेजा है। संभावना जताई जा रही है कि वितमंत्री निर्मला सीतारमण बजट में आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।
कर्मचारी संघ की मांग-सरकार लागू करें नया वेतन आयोग
- विभिन्न मंचों के माध्यम से केंद्रीय कर्मचारियों ने आठवां वेतन आयोग बनाने की मांग उठाई है। कई कर्मचारी समितियों ने बार-बार केंद्र सरकार से मूल वेतन, भत्ते, पेंशन व अन्य लाभों को संशोधित करने के लिए आठवां वेतन आयोग बनाने का आग्रह किया है। कर्मचारी परिसंघ के महासचिव एसबी यादव ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में आठवें वेतन आयोग के गठन, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, 18 महीने के महंगाई भत्ते को जारी करने और कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत देने की मांग की है।
- संयुक्त सलाहकार मशीनरी की राष्ट्रीय परिषद भी इस तरह की मांग उठा चुका है। महासचिव सी. श्रीकुमार भी कह चुके है कि केंद्र सरकार के समक्ष आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग रखी जाएगी।
- बीते दिनों इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर एसोसिएशन ने भी केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था, जिसमें 8वें वेतन आयोग के गठन के संबंध में जानकारी और कई सिफारिशें की गई है।
अगर लागू हुआ तो कितनी बढ़ेगी सैलरी?
- दरअसल, अबतक हर दस साल में नया वेतन आयोग लागू होता हुआ आया है। अगर 10 साल के पैटर्न के हिसाब से 2025-26 में मोदी सरकार 8वां वेतन आयोग लागू करती है तो इससे वेतन में 44.44% की वृद्धि देखने को मिल सकती है।इससे करीब 48.62 लाख कर्मचारियों और 67.85 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। 8वां वेतन आयोग लागू होते ही फिटमेंट फैक्टर भी 2.57 से बढ़कर 3.68 हो जाएगा, इससे न्यूनतम वेतन 26000 तक पहुंच सकता है। इससे कर्मचारियों के वेतन में संभावित वृद्धि ₹20,000 से ₹25,000 तक हो सकती है।
- इससे पहले सातवें वेतन आयोग का गठन साल 2014 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था, जो 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ था। इसमें फिटमेंट फैक्टर को आधार मान 2.57 गुना की वृद्धि और बेसिक सैलरी 18000 रुपए की गई। अब साल 2026 में सातवें वेतन आयोग लागू हुए 10 साल पूरे हो जाएंगे, ऐसे में अब नए वेतन आयोग की मांग तेज हो चली है, हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से वेतन आयोग को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है।
फिटमेंट फैक्टर हो सकता है 3.68 फीसदी
वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है, अगर इसे बढ़ाकर 3.68 किया जाता है तो सैलरी में भी बड़ी वृद्धि देखने को मिलेगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएग यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिल सकता है।फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) वह फॉर्मूला है जो 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी और Pay Matrix में मदद करती है।