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Mon, Dec 15, 2025

AAP-कांग्रेस ने साधा निशाना, बोले– ‘भ्रष्ट व्यवस्था में छात्रों की आवाज को लाठियों से दबाया जा रहा’

Written by:Vijay Choudhary
AAP-कांग्रेस ने साधा निशाना, बोले– ‘भ्रष्ट व्यवस्था में छात्रों की आवाज को लाठियों से दबाया जा रहा’

SSC (Staff Selection Commission) की परीक्षाओं में गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर देशभर के अलग-अलग राज्यों से आए छात्रों ने गुरुवार को दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा के दौरान तकनीकी खामियां, सेंटर में बदलाव और अव्यवस्थाओं के कारण हजारों उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है। छात्रों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन हटा दिया।

छात्र बोले – “ब्लैकलिस्टेड कंपनी से परीक्षा क्यों?”

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि 25 जुलाई को हुई SSC परीक्षा में भारी अव्यवस्था रही। कहीं माउस काम नहीं कर रहे थे, तो कहीं सेंटर अचानक बदल दिए गए। एक छात्र ने बताया, “मेरा सेंटर अजमेर था, लेकिन परीक्षा के दिन बताया गया कि अब सेंटर लेह है, जिससे मैं परीक्षा नहीं दे सका।”

छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि जिस कंपनी के माध्यम से परीक्षा करवाई गई, वह पहले से ही तीन राज्यों में ब्लैकलिस्टेड है। इसके बावजूद उसे फिर से टेंडर देकर जिम्मेदारी सौंपी गई।

शिक्षकों ने उठाया सुरक्षा और पारदर्शिता का मुद्दा

शिक्षक हरिश तिवारी ने कहा कि जिस कंपनी को परीक्षा का काम सौंपा गया, उसने बुजुर्ग महिलाओं को सुरक्षा पर लगा रखा है, जिससे परीक्षा केंद्र पूरी तरह असुरक्षित हैं। वहीं, मैथ टीचर अभिनव ने बताया कि वे जब DOPT मंत्री से मिलने गए, तो शिक्षकों को जबरन गाड़ियों में भरकर CGO कॉम्प्लेक्स ले जाया गया और सिर्फ एक अधिकारी से मिलवाया गया, जिसने बेहद असंवेदनशील प्रतिक्रिया दी।

राजनीतिक समर्थन: AAP और कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

इस पूरे घटनाक्रम पर आप नेता मनीष सिसोदिया ने एक्स हैंडल पर वीडियो साझा कर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा, “शिक्षकों पर लाठियां बरसाना, जवाबदेही से भागना – ये तानाशाही सिर्फ बीजेपी राज में ही संभव है।”

वहीं कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI भी छात्रों के समर्थन में आ गई है। NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने जंतर मंतर पर छात्रों के साथ प्रदर्शन किया और कहा, “तीन राज्यों में बैन की गई कंपनी को फिर से परीक्षा की जिम्मेदारी देना शर्मनाक है। मंत्री छात्रों से मिलने की बजाय कंपनी का बचाव कर रहे हैं।”