Important News : यात्रीगण कृपया ध्यान दें, ट्रेनों में सवार नहीं होगे यह पैसेंजर

Gaurav Sharma
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देश, डेस्क रिपोर्ट। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे ने एक आदेश जारी किया है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे पैसेंजर (passngers below 18 years) ट्रेन में सफर नहीं कर सकेंगे। स्टेशनो पर इस तरह की सूचना चस्पा कर दी गई है।

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बुधवार से एक बार फिर स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों (special passenger train) का ऑपरेशन शुरू हो रहा है। देखा जाता है कि इन ट्रेनों में इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि पैर रखने की भी जगह नहीं होती। ऐसे में कोरोना का संक्रमण एक बार फैल सकता है। इसको देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है कि पैसेंजर ट्रेनों में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे सफर नहीं कर सकेंगे।

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इतना ही नहीं कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने वाले व्यक्ति ही इन ट्रेनों में सफर कर पाएंगे। उन्हें अपना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र (vaccination certificate) यात्रा के दौरान अपने साथ रखना होगा। रेलवे का मानना है कि एक्सप्रेस ट्रेनों में आरक्षण की सुविधा होती है और जिसके चलते ज्यादा भीङभाड़ नहीं होती और यहां पर कोरोना प्रोटोकाल (corona protocols) का पालन किया जा सकता है। लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती और इसके चलते बच्चों की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है क्योंकि उन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं लगी। मध्यप्रदेश में कई रेलवे स्टेशनों पर इस आशय की सूचना दे दी गई है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे पैसेंजर ट्रेन में सफर नहीं कर पाएंगे और ना ही इनका टिकट काउंटर से मिलेगा। साथ ही यात्रियों को भी हिदायत दी गई है कि वे यात्रा करते समय कोरोना वैक्सीन लगने का सर्टिफिकेट साथ रखें।

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मध्य रेलवे मुंबई के चीफ पीआरओ शिवाजी सुतार का कहना है कि पैसेंजर ट्रेनों में भी वही नियम लागू किए गए हैं जो मुंबई में लोकल ट्रेनों की गाइड लाइन में बनाए गए हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि जो भी व्यक्ति वयस्क है और जिसने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है, वही ट्रेन में सफर कर सकते हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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