नई दिल्ली।इन दिनों देश की राजनीति में जमकर उथल-पुथल मची हुई है। आए दिन नेताओं के द्वारा इस्तीफे की खबरें सुर्खियां बन रही है, कोई दूसरे दल में शामिल हो रहा है तो कोई घर वापसी में लगा हुआ है। इसी बीच खबर आ रही है कि करीब 14 सालों के बाद जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी बीजेपी में घर वापसी कर सकते है।हाल में हुए विधानसभा चुनाव से ही उनकी बीजेपी में वापसी की अटकलें तेज थीं।
दरअसल, झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का जल्द विलय होने वाला है। रविवार को ही झारंखड बीजेपी के चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। सूत्रों का दावा है कि 17 फरवरी को जेवीएम का बीजेपी में विलय हो सकता है। इसी के साथ मरांडी बीजेपी में घर वापसी कर सकती है।सूत्रों का दावा है कि बाबूलाल मरांडी को झारखंड में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को इस साल अप्रैल में राज्यसभा भेजकर केंद्रीय मंत्री भी बनाया जा सकता है।
कौन है बाबूलाल मारंडी
2006 में बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी से अलग होकर अपनी पार्टी जेवीएम बनाई थी। बाबूलाल मरांडी मरांडी आरएसएस के पूर्व नेता हैं। उन्होंने आरएसएस के साथ जुड़ने के लिए अध्यापक की नौकरी छोड़ दी थी। वह 2000 में नवगठित झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, उन्होंने 2003 में इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री पद संभाला। मरांडी ने 2006 में अपनी अलग पार्टी बनाई और तब से राज्य में जनाधार बनाने की कोशिश करते रहे। उनकी पार्टी ने 2009 विधानसभा चुनाव में 11 सीटें जीती थीं, जो 2014 में घटकर 8 हो गई। वहीं, हालिया विधानसभा चुनाव में उनके विधायकों की संख्या घटकर 3 रह गई।