Bengal Tableau: दिल्ली में रिजेक्ट बंगाल की झांकी अब बंगाल की परेड में होगी शामिल

Published on -
नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश के 73 वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर निकाली जाने वाली बंगाल की झांकी( Bengal Tableau) को केंद्र सरकार ने रिजेक्ट कर दिया। अब यही झांकी बंगाल की परेड में दिखाई देगी। बंगाल सरकार (Bengal Government) ने नेताजी की झांकी को बंगाल की परेड में शामिल करने का निर्णय लेने से पहले इसे दिल्ली में होने वाली परेड में शामिल करने के लिए गुजारिश की थी।

यहां भी देखें- Chhatarpur news: माता-पिता की लापरवाही से 1 साल का बच्चा हुआ कार में कैद,

 गणतंत्र दिवस पर रेड रोड पर आयोजित होने वाली परेड में नेताजी की झांकी को शामिल किया जाएगा। झांकी बनाने की तैयारी रेड रोड पर चल रही हैं। कोलकाता पुलिस की झांकी को काफी पहले ही शुरू किया गया था, लेकिन दिल्ली की परेड में नेताजी की झांकी शामिल नहीं किये जाने के निर्णय के बाद नेताजी की झांकी को रेड रोड परेड में शामिल करने का फैसला राज्य सरकार ने किया है।

Betul news: कलेक्टर ने अधिकारियों को रेत माफियाओं के खिलाफ दिया फ्री हैंड, मोरंड नदी से अवैध रेत उत्खनन रोकने का लक्ष्य

52 फीट लंबी, 11 फीट चौड़ी, 18 फीट ऊंची झांकी दिल्ली की परेड में शामिल नहीं करने को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका पर आज सुनवाई हुई। कलकत्ता हाईकोर्ट के मु्ख्य न्यायाधीश ने मामला दायर करने में देरी होने के कारण के चलते याचिका को खारिज कर दिया है। इस साल बंगाल स्वतंत्रता सेनानियों, बंगाल के क्रांतिकारियों, खासकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बलिदानों के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से इसे दिल्ली की परेड में शामिल करना चाहता था। इस शानदार झांकी का डिजाइन 3डी था। जिसमें ध्वजारोहण से रवींद्रनाथ-सुभाष युगल की एक शानदार झांकी दिखाई देगी और आजाद हिंद वाहिनी के इतिहास का दर्शन भी लोग कर सकेंगे।

यहां भी देखें- GOOD NEWS: कर्मचारियों को अब ऐसे मिलेगी हर महीने पेंशन की राशि, जानें ताजा अपडेट

जानकारी के अनुसार टैबलो की थीम-स्टेट योजना पर रक्षा मंत्रालय नियमित बैठक में दिसंबर तक बंगाल को आमंत्रित किया गया है, लेकिन जनवरी से आमंत्रित नहीं किया गया है। 2020 में भी ऐसा ही हुआ था। केंद्र के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र बोस ने कहा, “नेताजी का सम्मान करने से पहले उनके आदर्शों को समझना होगा। उनके आदर्शों पर अमल होना चाहिए। लेकिन मौजूदा विभाजनकारी राजनीति देश के भीतर विभाजन पैदा कर रही है। नेताजी की झांकी के बिना गणतंत्र दिवस की परेड अधूरी है। वहीं तृणमूल के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने भी इसकी निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “केंद्र के फैसले ने नेताजी की लड़ाई का अनादर किया। यह शर्मनाक है।”


About Author

Ram Govind Kabiriya

Other Latest News