नई दिल्ली।
राम मंदिर को लेकर कोई भीख नहीं मांग रहे हैं, हम अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। देश राम राज्य चाहता है, सरकार इसके लिए कानून लाए।हम चाहते हैं, जो भी हो शांति से हो। संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते, इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें। हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आती है। यह बात आज विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर रविवार को आयोजित रामलीला मैदान में ‘धर्म-संसद’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कही।वही उन्होंने भाजपा पर राम मंदिर निर्माण का वादा पूरा न करने का भी आरोप लगाया।
इस धर्म संसद में साध्वी ऋतंभरा, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगतगुरु हंसदेवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, आरएसएस के सुरेश (भैय्याजी) जोशी, आलोक कुमार और बीएस कोकजे विशेष रुप से सम्मिलित रहे।इस धर्म सभा में वीएचपी के एक लाख से भी ज्यादा समर्थक पहुंचे ।इस दौरान यहां पर मंदिर को लेकर ‘विकास नहीं मंदिर चाहिए’ के नारे भी जमकर गूंजे।भैयाजी जोशी ने कहा जो लोग आज सत्ता में हैं, उन्होंने राम मंदिर बनाने का वादा किया था। उन्हें लोगों को सुनना चाहिए और अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग को मानना चाहिए। इस मामले में न्यायालय की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए। हमारा किसी के साथ कोई संघर्ष नहीं है, चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला हो। अगर हमें संघर्ष ही करना होता तो इतनी देर राह नहीं देखते। मंदिर का निर्माण भविष्य में रामराज्य की नींव रखेगा।
बताया जा रहा है कि 11 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले दिल्ली में इस धर्मसभा के गहरे राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं तो विहिप के साथ ही संघ समेत अन्य संगठन इसे ऐतिहासिक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। कोशिश है कि दिल्ली में ‘राम सैलाब’ देखकर राजनीतिक दल और सत्ता पक्ष राम मंदिर पर अपने विचार बदले और संसद से सर्वसम्मति से कानून बनाकर अयोध्या में भव्य राम के मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगें।