देश, डेस्क रिपोर्ट। आज का दिन भारत और पूरे भारत वासियों के लिए गर्व का दिन है। एक ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी नीतियों से पूरे विश्व में भारत के सम्मान का परचम लहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सारे देश भी भारत का मान बढ़ा रहे हैं। आज भूटान देश ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजने की घोषणा की है। यह जानकारी पीएमओ भूटान के माध्यम से दी गई है।
Continue Reading
बता दें भूटान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “गदक पेल जी खोरलो” (nagdag pel ji khorlo) आज प्रधानमंत्री मोदी को दिए जाएगा। इस बात की सूचना के साथ पीएमओ पोर्टल ने मोदी की पुरानी तस्वीर फेसबुक पर साझा की। भूटान के प्रधानमंत्री Lotay Tshering ने फेसबुक पोस्ट के जरिए खुशी जाहिर करते हुए बताया कि “उन्हें भूटान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए जाने की जानकारी देने में बेहद खुशी महसूस हो रही है”।
प्रधानमंत्री को इस सम्मान से नवाजे जाने की वजह उनके द्वारा सालों साल निभाई गई दोस्ती और हर वक्त साथ खड़े रहना बताया गया। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने कहा कि “जिस तरह कोरोना के समय भारत देश भूटान के साथ खड़ा हुआ और भूटान देश की मदद की वह अतुलनीय है”। फेसबुक पोस्ट के जरिए भूटान के पीएम ने पूरे भूटान वासियों को बधाई दी और नरेंद्र मोदी को एक आध्यात्मिक पुरुष की उपाधि दी। आज यह सर्वोच्च सम्मान नरेंद्र मोदी को दिया जाएगा।
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।