Haryana Raw Employees : एक तरफ हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार सरकारी कर्मचारियों को 4 फीसदी डीए की सौगात दी है वही दूसरी तरफ कच्चे कर्मचारियों को बड़ा झटका दे दिया है। राज्य सरकार ने नियमित करने की नीति पर यू-टर्न ले लिया है। मंगलवार को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। फिलहाल इस पर सरकार की कोई योजना नहीं है। जबकी इसके पहले हरियाणा सरकार की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में कहा गया था कि इस पर नीति बनाने पर विचार कर रहे हैं।
लंबे समय से कर रहे नियमितिकरण की मांग
लंबे समय से सरकारी विभागों, बोर्ड और कॉर्पोरेशन में कार्यरत कच्चे कर्मचारी नियमितिकरण की मांग कर रहे है, इसको लेकर मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भी चल रहा है।हाल ही में पानीपत नगर निगम में एक दशक से भी अधिक समय से सेवा दे रहे सफाई कर्मचारी कृष्ण लाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए गया कि अनुबंध पर एक दशक से अधिक समय से सेवा देने से पूर्व वह पूरी तरह से कच्चे कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे। वह नियमित कर्मचारियों की तरह सभी तरह के कार्य को पूरा करते हैं। बावजूद इसके उन्हें उनके समान वेतन व भत्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है।