Cyber crime: सायबर क्राइम की बढ़ती संख्या के साथ, सरकार ने कड़ी कार्रवाई का फैसला भी किया है। दरअसल पिछले कुछ समय में देश में ऑनलाइन फ्रॉड के कई ऐसे मामले सामने आए है। वहीं दूरसंचार विभाग (DOT), गृह मंत्रालय, और राज्यों की पुलिस अब सायबर क्राइम और वित्तीय फ्रॉड को रोकने के लिए टेलीकॉम रिसोर्सेज का प्रयोग करेंगे।
दरअसल इस साझेदारी के तहत, सायबर फ्रॉड करने वालों के नेटवर्क को नष्ट किया जाएगा और डिजिटल खतरों से लोगों की सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा, यह साझेदारी भी डिजिटल सुरक्षा के लिए एक प्रभावी प्रणाली के विकास की दिशा में कदम उठाने का एक प्रयास है। नागरिकों की सुरक्षा और उनकी निजी जानकारी की संरक्षण को मजबूत करने के लिए यह पहल अत्यंत महत्वपूर्ण है।
20 लाख मोबाइल नंबरों का किया गया उपयोग:
वहीं दूरसंचार मंत्रालय ने जारी की एक प्रेस रिलीज में बताया कि गृह मंत्रालय और राज्यों की पुलिस के द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, लगभग 28,200 मोबाइल हैंडसेट्स प्राप्त किए गए हैं, जिनका उपयोग साइबर क्राइम की गतिविधियों में किया गया है। टेलीकम्यूनिकेशन विभाग द्वारा किए गए एक और विश्लेषण में पाया गया कि इन 28,200 मोबाइल हैंडसेट्स में उपयोग के लिए लगभग 20 लाख मोबाइल नंबरों का उपयोग किया गया है।
इन नंबरों को तत्काल किया जाएगा बंद:
दरअसल दूरसंचार मंत्रालय द्वारा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को पूरे देश में 28,200 मोबाइल हैंडसेट्स को ब्लॉक करने और इनके संबंधित 20 लाख मोबाइल नंबर्स की पुनः सत्यापन के लिए आदेश दिया गया है, जिसमें इन नंबरों के पुनः सत्यापन के बाद विफलता की स्थिति में संबंधित कनेक्शनों को तत्काल बंद किया जाएगा। आपको बता दें कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा और डिजिटल संरचना की रक्षा करना है, साथ ही सार्वजनिक सुरक्षा को भी मजबूत करना है।
फरवरी 2024 में, ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के संदर्भ में, वित्तीय मामलों के सचिव ने एक बैठक आयोजित की थी। उन्होंने बताया था कि इस अवस्था को ध्यान में रखते हुए, टेलीकॉम विभाग ने फाइनेंशियल धोखाधड़ी के मामलों से जुड़े 1.4 लाख मोबाइल हैंडसेट्स को ब्लॉक किया है। सरकार ने वित्तीय संस्थानों और बैंकों से वाणिज्यिक प्रमोशनल कॉलों के 10 अंकों वाले नंबर की जगह 6 अंकों वाले सीरीज के नंबर का आयोजन किया है।