High court Order, Employees Regularization : हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। उन्हें नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा इसके लिए हाई कोर्ट द्वारा आदेश दिए गए हैं तीन श्रेणियां के याचिकाकर्ताओं को नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा।
किसे मिलेगा नियमितीकरण का लाभ
हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को 2009 से नियमितीकरण देने के आदेश दिए गए हैं। हिमाचल हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम की 3 श्रेणियां के कर्मचारियों को 2009 से नियमित करने की आदेश पारित कर दिया। न्यायाधीश संदीप शर्मा द्वारा निर्णय देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को पूर्व व्यापी नियमितीकरण का लाभ दिया जाना चाहिए।
नियमितीकरण पर क्या है हाई कोर्ट का फैसला?
हाई कोर्ट ने कृष्ण और अन्य की विभिन्न याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश सुनाया है। हाई कोर्ट ने कहा कि निगम द्वारा 17 श्रेणियां में से 14 श्रेणी के कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया गया है लेकिन अब तक याचिकाकर्ताओं की तीन श्रेणियां को नियमितीकरण का लाभ नहीं दिया गया है। निगम का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत बराबरी के अधिकार का सरासर उल्लंघन करना है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता की श्रेणियों को अन्य श्रेणियों से वर्गीकरण किया जाना कानूनन गलत है। ऐसे में तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को भी नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा।
बता दें कि 17 अप्रैल 2008 को विभिन्न सरकारी उपक्रम के कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के 463 पद स्थानांतरित किए गए थे। जिनमें कैलाश पवार कॉरपोरेशन के 276 स्वीकृत पद और पब्बर वैली पावर कॉरपोरेशन के 187 पद शामिल थे। अब बचे हुए तीन श्रेणी कर्मचारियों को 2009 से नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा। नियमितीकरण का लाभ देने के साथ ही उन्हें अन्य शासकीय सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रेच्युटी डीए सहित पेंशन का लाभ कर्मचारियों को मिलेगा।