Employees Training Salary, Employees New pay commission : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। एक तरफ जहां ट्रेनिंग अवधि के वेतन उन्हें प्राप्त होंगे। इसके साथ ही इस अवधि को सेवा में जोड़कर वेतन वृद्धि का लाभ उन्हें मिलेगा। सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए भी सरकार को 2 महीने का समय दिया गया है।
2 महीने में आदेश पारित करने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी सहित पुलिस दरोगा और इंस्पेक्टरों के लिए बड़ा फैसला सुनाया है।इसके तहत जून में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर और दरोगा की ट्रेनिंग अवधि का वेतन देने सहित इस अवधि की सेवा में जोड़कर वेतन वृद्धि प्रदान करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए। सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए दाखिल याचिका पर प्रदेश सरकार के अपर पुलिस महानिदेशक भवन एवं कल्याण डीजीपी, हेड क्वार्टर उत्तर प्रदेश को 2 महीने में आदेश पारित करने का निर्देश दिया गया है।
याचिका की गई थी दाखिल
इलाहाबाद हाई कोर्ट जस्टिस शरद श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन, आगरा जोन, प्रयागराज जोन, गोरखपुर जोन, कानपुर जोन, बरेली जोन और बनारस जोन के विभिन्न जनपदों में तैनात दारोगा और पुलिस इंस्पेक्टर की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है।
कर्मचारियों की मांग
इससे पहले दरोगा और इंस्पेक्टर द्वारा अलग-अलग ग्रुप वाइज याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें उनकी ट्रेनिंग की अवधि के सैलरी देने के संबंध में तथा इस अवधि को उनकी सेवा में जोड़ते हुए वेतन वृद्धि प्रदान किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में गुहार लगाई गई थी। साथ ही उन्होंने सातवें वेतनमान की मांग की थी।
याचिका की सुनवाई करते हुए पुलिस इंस्पेक्टर दरोगा की तरफ से कोर्ट में उपस्थित सीनियर वकील विजय गौतम ने कहा कि हाईकोर्ट ने कहा कि आलोक कुमार सिंह और अन्य की केस में यह निर्णय लिया गया कि दरोगा और इंस्पेक्टर को ट्रेनिंग की पेट की अवधि में शासनादेश 16 दिसंबर 1965 और शासनादेश 3 नवंबर 1989 के परिपेक्ष में ट्रेनिंग अवधि का वेतन दिया जाएगा। साथ ही प्रदेश सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है। अधिवक्ता ने कहा था कि 29 मई 2022 के आदेश द्वारा याचिकाकर्ता के समक्ष अन्य दारोगा और इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग अवधि की सैलरी देने की अनुमति दे दी गई है जबकि अन्य याचिका के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
अधिवक्ता की दलील
वही हाईकोर्ट द्वारा लालबाबू शुक्ला और अन्य के केस में यह पारित किया गया था कि ट्रेनिंग पीरियड जोड़ते हुए प्रमोशनल पे स्केल और वेतन वृद्धि पुलिसकर्मियों को प्रदान की जाएगी। याचिकाकर्ताओं को ट्रेनिंग पीरियड में स्टाइपेंड उपलब्ध कराया गया था जबकि इस अवधि के लिए कर्मचारियों को पूर्ण वेतन और भत्ता दिया जाना चाहिए था, जो नहीं दिया गया है। ना ही उनकी ट्रेनिंग पीरियड की अवधि को उनकी सेवा में जोड़ा गया है।
सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपने आदेश में एडीजी को 2 महीने के भीतर आदेश पारित करते हुए पुलिस इंस्पेक्टर दारोगा को ट्रेनिंग के वेतन देने सहित इस अवधि की सेवा में जोड़कर वेतन वृद्धि प्रदान करने और सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के आदेश दिए हैं।