7th Pay Commission/EPFO : सरकारी और ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी में 25 फीसदी बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है , जबकी 30 अप्रैल 2024 को जारी एक आदेश में EPFO ने कहा था कि महंगाई भत्ता 50% होने पर रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी को 25 फीसदी से बढ़ाकर 20 लाख से 25 लाख रुपये कर दिया गया है, ऐसे में अब इस आदेश के रोक के बाद फिलहाल ग्रेच्युटी लिमिट 20 लाख ही रहेगी।
ग्रेच्युटी में 25 फीसदी की बढ़ोतरी पर रोक
ईपीएफओ ने 7 मई 2024 के अपने नवीनतम परिपत्र में कहा है कि कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी को “स्थगित” रखने का फैसला किया है।साथ ही कहा है कि 30 अप्रैल को रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी को 25 फीसदी से बढ़ाकर 20 लाख से 25 लाख रुपये करने के आदेश को स्थगित किया जाता है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की वजह से यह बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि 7 मई जारी आदेश में इस फैसले का कोई कारण नहीं बताया गया है।
DA 50% होने पर बढ़ाई गई थी ग्रेच्युटी
- दरअसल, केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद डीए/डीआर 50 फीसदी हो गया है। डीए के 50 फीसदी होने पर अलग अलग भत्तों में भी इजाफा किया गया है।
- कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग अनुसार सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी एवं मृत्यु ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ाई जाएगी जब भी महंगाई भत्ता मूल वेतन का 50% बढ़ जाता है ।वर्तमान में डीए 50 फीसदी पहुंच गया है, ऐसे में गेच्युटी में 25% की स्वत: वृद्धि हो गई है और लिमिट 20 लाख से 25 लाख रुपये हो गई है, जो 1 जनवरी 2024 से लागू होगा। इसके बाद ईपीएफओ ने भी 30 अप्रैल 2024 को एक आदेश जारी लिमिट बढ़ा दी थी और अब इस आदेश पर रोक लगा दी गई है।
जानिए क्या होता है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रिटायरमेंट पर दिया जाने वाला एक लाभ है। किसी भी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है।पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत जिस भी कंपनी में 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं उसे अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना होता है।आमतौर पर यह पैसा तब मिलता है जब वो कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या फिर वह रिटायर होता है। कंपनी में कार्य करते समय अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ग्रेच्युटी की रकम नॉमिनी को मिलती है। यहां 5 साल का नियम लागू नहीं होता है।