कोलकाता, डेस्क रिपोर्ट।एक तरफ 28 और 29 मार्च यानी सोमवार और मंगलवार को ट्रेड यूनियनों (Trade Unions Strike) ने केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ भारत बंद का आह्नान किया है।वही दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने फरमान जारी किया है कि इन दोनों दिनों सरकारी कर्मचारियों की दफ्तर में उपस्थिति अनिवार्य होगी, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार (Mamta Banerjee government) ने सख्त रवैया अपनाते हुए अपने सभी सरकारी कर्मचारियों को 28 और 29 मार्च को 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल के दौरान ड्यूटी पर आने को कहा है। साथ ही कहा है कि ऐसा नहीं किये जाने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी किया जाएगा।हालांकि निर्देश में यह भी साफ कहा गया है कि बीमारी या परिवार में मृत्यु जैसी आपात स्थितियों को छोड़कर कर्मचारियों को कोई आकस्मिक अवकाश नहीं दिया जाएगा। सभी राज्य सरकार के कार्यालय खुले रहेंगे और सभी कर्मचारी उन दिनों ड्यूटी पर आएंगे।
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निर्देशिका में साफ कहा गया है कि 25 मार्च के बाद अगर किसी भी सरकारी कर्मचारी (Government Employees) ने छुट्टी के लिए आवेदन दिया है तो वह स्वीकृत नहीं होगा। आधे दिन की छुट्टी भी स्वीकृत नहीं होगी, हालांकि जो लोग पहले से ही छुट्टी लिए हुए हैं, बीमार हैं, अस्पतालों में भर्ती हैं अथवा जिन कर्मचारियों के घर किसी का निधन हो चुका है उनकी छुट्टियां बरकरार रहेंगी और स्वीकृत भी होंगी। वही अगर इन दोनों दिनों कोई भी सरकारी कर्मचारी दफ्तर नहीं आता है तो उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और अगर उसके जवाब से संतुष्टि नहीं होती है तो उसके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी।