Bihar Employees Teacher Salary : बिहार के 15 हजार से अधिक यूनिवर्सिटी कॉलेजों के शिक्षकों-कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए काम की खबर है। वेतन-पेंशन का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। पटना उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय के लिए 2023 -24 के वित्तीय वर्ष के स्वीकृत बजट का पैसा 10 दिनों में जारी करने का आदेश दिया है, ऐसा ना करने पर शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने की बात कहीं है। बता दे कि शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर लगी रोक हटाने के बावजूद अबतक बजट जारी नहीं किया गया है, जिसके चलते कर्मियों शिक्षकों को जनवरी फरवरी से वेतन नहीं मिला है।
HC के शिक्षा विभाग को निर्देश- 10 दिन में विवि को राशि जारी करें
- शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने 11 मामलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए राज्य के विश्वविद्यालय के लिए 2023 -24 के वित्तीय वर्ष के स्वीकृत बजट की राशि 10 दिनों के अंदर जारी करने का आदेश दिया है। अगर निर्धारित अवधि में आदेश का पालन नहीं किया गया तो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक समेत आलाधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी।
- इसके अलावा हाईकोर्ट ने तीन विश्वविद्यालयों के खाता संचालन पर पाबंदी के शिक्षा विभाग के आदेश पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 25 जून को निर्धारित की गई है।न्यायालय ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के वेतन नहीं उठाए जाने पर रोक के जारी आदेश को भी कार्यान्वित नहीं करने का निर्देश दिया है।
29 मई तक कॉलेजों से होगी चर्चा
बता दे कि पिछले हफ्ते ही शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अलग-अलग यूनिवर्सिटी के बजट को स्वीकृति देने से पहले 29 मई तक इसकी समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है।इसके लिए 15 में से 29 मई के बीच बिहार के 13 विश्वविद्यालयों को बैठक में भाग लेने के लिए तारीख और समय तय किया गया है। इस समीक्षा के आधार पर विश्वविद्यालयों को बजट उपलब्ध कराया जाएगा और फिर वेतन पेंशन का भुगतान होगा।बता दे कि ज्यादातर यूनिवर्सिटी में जनवरी फरवरी महीने से ही शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों और सेवानिवृत्तों को वेतन पेंशन लंबित है।
केंद्रांश नहीं मिला, शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से मांगी राय
जानकारी के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में बिहार को 1,758 करोड़ केंद्रांश नहीं मिला है, जिसके चलते सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पाया है। 12 अप्रैल को सेंट्रल प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक में शिक्षा पर 4,758 करोड़ केंद्रांश तथा 3,172 करोड़ राज्यांश की स्वीकृति दी गई थी। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को वेतन भुगतान के लिए राज्य निधि से पूरी राशि उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है।अब इस संबंध में शिक्षा विभाग ने संचिका भेजकर वित्त विभाग से परामर्श मांगा है।