नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को दिल्ली की एक विशेष अदालत ने टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद सजा सुनाई है। इसके साथ ही दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बताया जा रहा है कि केस की सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
यह भी पढ़े…9 जून से पीछे बैठने वाले के लिए भी हेलमेट अनिवार्य, नहीं तो लगेगा जुर्माना
आपको बता दें कि विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन को 19 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों का दोषी ठहराया था। क्योंकि यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग करने और आतंकियों को तबाही का सामान मुहैया कराने के कई केस दर्ज किये गए थे।
यह भी पढ़े…Morena News : गुड्डा गुर्जर गैंग के पांच सदस्यों को नूराबाद और रिठौरा थाना पुलिस ने किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि जब केस की सुनवाई शुरू हुई तो एनआईए ने दोषी यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की। जिस पर यासीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फैसला अदालत के निर्णय पर छोड़ता हूं, मैं किसी से भींख नहीं माँगूँगा। मैं फांसी स्वीकार करूंगा। अगर जांच एजेंसियां साबित कर दें कि मैं आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहा हूं तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा। मैंने भी 7 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है।
इस फैसले के बाद कश्मीर के साथ ही जम्मू संभाग में भी सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है। यहाँ तक की फैसले के तुरंत बाद श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए हैं और वहां भारी फोर्स तैनात है। सुरक्षा के लिहाज से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई है।