बसपा सुप्रीमो मायावती का बड़ा ऐलान, भतीजे आकाश आनंद को बनाया पार्टी का उत्तराधिकारी

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Mayawati Akash Anand: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को लखनऊ में एक बैठक आयोजित कर बड़ा फैसला किया है। उन्होंने बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का उत्तराधिकारी बनाने का ऐलान किया है। आपको बता दें इस मीटिंग में मायावती ने राष्ट्रीय स्तर के नेता और पार्टी के अन्य राज्य पदाधिकारियों को बुलाया था। वहीं बसपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की है।

आखिर आकाश आनंद कौन हैं?

आपको बता दें आकाश आनंद बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। जिन्होंने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की पढ़ाई की है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहली बार साल 2017 में अपने भतीजे आकाश आनंद राजनीति में लाने की घोषणा की थी। पहली बार आकाश आनंद को मायावती के साथ सहारनपुर की रैली में उन्हें देखा गया था। बाद में साल 2019 में आकाश आनंद को बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक भी बनाया गया था। इसी वक्त बसपा और समाजवादी पार्टी का गंठबंधन टूट गया था। गौरतलब है कि आकाश आनंद को गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान में पार्टी को मजबूत करने का काम भी सौंपा गया था।

साल 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के स्टार प्रचारकों के लिस्ट में बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद आकाश आनंद का नाम दूसरे नंबर पर था। वहीं इसके साथ ही आकाश आनंद को अलग-अलग राज्यों में पार्टी को मजबूत करने का काम भी दिया गया था। वहीं अब उन्हें पार्टी का उत्तराधिकारी बनाने का ऐलान कर दिया गया है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य की जिम्मेदारी मायावती के पास रहेगी और अन्य राज्यों की जिम्मेदारी उनके भतीजे आकाश आनंद के पास रहेगी।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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