Budget 2024: संसद का मानसून सत्र (Budget 2024) सोमवार, 22 जुलाई से शुरू हो जाने के बाद आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करेंगी। दरअसल यह लगातार सातवीं बार होगा जब सीतारमण बजट पेश कर रही हैं। वहीं इस बजट से जनता को कई बड़ी उम्मीदें हैं, खासकर मिडिल क्लास, ग्रामीण इलाकों और कृषि क्षेत्र के लोगों को। हालांकि आज देखना होगा कि मिडिल क्लास के लिए यह बजट कैसा आता है।
मानसून सत्र की शुरुआत
दरअसल मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार, 22 जुलाई से हुई। वहीं संसद का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। आज का दिन खास है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है, और इस पर आम आदमी की बहुत उम्मीदें टिकी हुई हैं। जानकारी के अनुसार सीतारमण आज सुबह 8:40 बजे अपने घर से निकलकर वित्त मंत्रालय पहुंचेंगी।
बजट पेश करने का समय
बता दें कि निर्मला सीतारमण बजट पेश करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी लेने राष्ट्रपति भवन जाएंगी। जानकारी के अनुसार सुबह 10 बजे वित्त मंत्री और वित्त राज्य मंत्री बजट के साथ संसद में प्रवेश करेंगे। वहीं सुबह 11 बजे वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा सदन में बजट पेश किया जाएगा। दरअसल यह माना जा रहा है कि यह बजट 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप प्रस्तुत करेगा।
मध्यम वर्ग पर हो सकता है फोकस
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य वर्ग को देश की प्रगति का मुख्य आधार बताया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि मध्य वर्ग की बचत को प्रोत्साहित करने और उनकी जीवनशैली को सरल बनाने के लिए नीतियाँ तैयार की जाएंगी। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार आगामी बजट में मध्य वर्ग के लिए कुछ नई रियायतें प्रदान कर सकती है।
बजट में कुछ संभावित बड़े ऐलान हो सकते हैं:
प्रधानमंत्री आवास योजना: ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बड़े ऐलान हो सकते हैं।
मनरेगा: मनरेगा के कार्य दिवसों को बढ़ाने और कृषि से संबंधित कामों को शामिल करने के संबंध में भी कई बड़े ऐलान किए जा सकते हैं।
नया टैक्स स्लैब: महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। नए टैक्स स्लैब में आयकर छूट की सीमा 5 लाख तक बढ़ाई जा सकती है।
हाउसिंग लोन: हाउसिंग लोन पर भी नई रियायतें संभव हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर और MSME: इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ सकता है और MSME (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) पर खास ध्यान दिया जा सकता है।