केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 54वीं GST Council की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। दरअसल इस बैठक में कैंसर की दवाओं और नमकीन पर GST दर में कटौती, बीमा प्रीमियम पर कर कम करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया है। वहीं इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मसलों पर भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जानकारी के अनुसार विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी इस बैठक में भाग लिया था। जिसमें कई संवेदनशील मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
दरअसल बैठक में कैंसर रोगियों को बड़ी राहत प्रदान की गई है। जानकारी के अनुसार कैंसर की दवाओं पर GST की दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। वहीं इस निर्णय से गंभीर बीमारियों के इलाज में महंगी दवाओं का खर्च कम होगा, जिससे मरीजों को आर्थिक सहारा मिलेगा। दरअसल इस कर में कटौती का असर न सिर्फ रोगियों बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई दे सकता है।
नमकीन पर भी GST दर में बड़ा बदलाव
वहीं इसके साथ ही, भारतीय उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नमकीन पर जीएसटी दर में भी बड़ा बदलाव किया गया। बता दें कि पहले जहां नमकीन पर 18% जीएसटी लगाया जाता था, वहीं अब इसे घटाकर 12% कर दिया गया है। वहीं अब इस बड़े निर्णय से छोटे व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को राहत मिलेगी, क्योंकि भारतीय खानपान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नमकीन भी माना जाता है और भारत में इसकी खपत बड़े पैमाने पर होती है।
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दरों में भी कटौती के प्रस्ताव पर चर्चा
दरअसल GST काउंसिल ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दरों में भी कटौती के प्रस्ताव पर चर्चा की है। वहीं इस मामले को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह (GoM) का गठन किया गया है। जानकारी के अनुसार यह समूह अक्टूबर के अंत तक अपनी सिफारिशें पेश करेगा, जिसमें बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी का प्रस्ताव भी शामिल होगा। वहीं विपक्षी दलों की लंबे समय से यह मांग रही है कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर से जीएसटी को हटाया जाए, ताकि आम लोगों को वित्तीय राहत मिल सके।
दरअसल GST काउंसिल ने 2026 के बाद लागू होने वाले क्षतिपूर्ति उपकर के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया। वहीं राज्यों को राजस्व घाटे की भरपाई के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा यह उपकर लगाया गया था, लेकिन 2026 के बाद इसका क्या होगा, इसे लेकर एक मंत्री समूह (GoM) का गठन किया गया है। जानकारी के अनुसार यह समूह उपकर की भविष्य की दिशा पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा, ताकि राज्यों के राजस्व में कोई गिरावट न आए और उनके वित्तीय हित सुरक्षित रहें।