नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूरोपीय देशों के 3 दिवसीय दौरे से लौटने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को देश के कुछ हिस्सों में चल रही लू (Heat Wave) और आगामी मानसून सत्र से निपटने की तैयारियों पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की।इस दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department IMD Alert) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने देशभर में मार्च से मई 2022 के दौरान हाई टेंपरेचर बने रहने के बारे में जानकारी दी।
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इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भीषण गर्मी, लू या आग लगने की घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के लिये कड़े कदम उठाने होंगे। आग के खतरों के प्रति वनों के जोखिम को कम करने के लिए समग्र प्रयास किया जाना चाहिए। बढ़ते तापमान को देखते हुए अस्पताल अग्नि सुरक्षा ऑडिट नियमित तौर पर किए जाने की जरूरत है।इस तरह की किसी भी घटना पर कार्रवाई में कम से कम समय लगना चाहिए।आग की घटनाओं से निपटने और भरपाई के लिए वन कर्मियों और संस्थाओं की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने आगामी मानसून (Monsoon) के मद्देनजर पेयजल की गुणवत्ता की निगरानी के लिए इंतजाम किए जाएं ताकि पानी दूषित न हो और जलजनित बीमारियां न फैलें। अभी गर्मी और आगामी मानसून के मौसम में किसी भी घटना के लिए सभी प्रणालियों की तैयारी के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच में प्रभावी समन्वय होना बेहद जरूरी है। बढ़ते तापमान में वनों को आग से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
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इस दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य, जिला और शहर के स्तर पर मानक प्रतिक्रिया के रूप में हीट एक्शन प्लान तैयार करने की सलाह दी गई है।वही दक्षिण-पश्चिम मानसून की तैयारियों के संबंध में सभी राज्यों को ‘बाढ़ तैयारी योजना’ तैयार करने और उचित तैयारी के उपाय करने की सलाह दी गई है। एनडीआरएफ को बाढ़ प्रभावित राज्यों में अपनी तैनाती योजना विकसित करने की सलाह दी गई है।NDRF से बाढ़ से प्रभावित होने वाले राज्यों में अपनी तैनाती योजना बनाने के लिए कहा गया। वही लोगों को जागरूक करने इंटरनेट मीडिया का सक्रिय इस्तेमाल करने के लिए भी कहा।।
असानी को लेकर हाई अलर्ट
पीएम मोदी की बैठक के बाद ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने अगले चार दिनों में राज्य में चक्रवात ‘असानी’ को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है और सभी जिला कलेक्टरों को सतर्क रहने को कहा है।आने वाले 48 घंटे में 40-50 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। NDRF की 17 और ODRAF की 20 टीमें तैनाती की हैं। वहीं मौके पर 175 फायर ब्रिगेड को भी मुस्तैद किया गया है।