CAA Implementation : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना, इन छः माइनॉरिटी कम्युनिटी के शरणार्थियों को अब मिल सकेगी नागरिकता

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (Citizenship Amendment Act), के तहत भारत के तीन पडोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किये गए भारत आये शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी , ये लाभ उन्हें मिलेगा जिन्होंने 2014 से पहले भारत में शरण मांगी हो, इनमें 6  माइनॉरिटी कम्युनिटी हिन्दू, सीख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई शामिल हैं।

Atul Saxena
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PM Modi

CAA Rule : मोदी सरकार ने आज देश में CAA लागू करने की अपनी घोषणा को अमल में ला दिया है, सरकार ने आज सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी, अब सीएए लागू हो जाने के बाद अब गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भी भारत की नागरिकता मिल सकेगी, CAA लोकसभा और राज्य सभा में पहले ही पास हो चुका है।

अमित शाह कुछ दिन पहले कह चुके थे, लोकसभा चुनाव से पहले कर देंगे CAA लागू  

आपको बता दें कि CAA को लागू करना मोदी सरकार की प्राथमिकता में शामिल था, गृह मंत्री अमित शाह कुछ दिन पहले स्पष्ट कर चुके थे कि इसे लोकसभा चुनावों से पहले लागू कर दिया जायेगा और आज इसकी अधिसूचना जारी कर मोदी सरकार ने अपने इरादों पर मुहर लगा दी।यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि CAA कानून नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है ये नागरिकता देने वाला कानून है।

3 देशों की 6 माइनॉरिटी कम्युनिटी शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता 

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (Citizenship Amendment Act), के तहत भारत के तीन पडोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किये गए भारत आये शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी , ये लाभ उन्हें मिलेगा जिन्होंने 2014 से पहले भारत में शरण मांगी हो, इनमें 6  माइनॉरिटी कम्युनिटी हिन्दू, सीख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई शामिल हैं।

CAA Implementation : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना, इन छः माइनॉरिटी कम्युनिटी के शरणार्थियों को अब मिल सकेगी नागरिकता

 

CAA Implementation : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना, इन छः माइनॉरिटी कम्युनिटी के शरणार्थियों को अब मिल सकेगी नागरिकता


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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