हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, शराब पीकर और गुटखा खाकर पति को तंग करना है क्रूरता, तलाक की अर्जी मंजूर

Atul Saxena
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CG High Court big decision : तलाक से जुड़े बहुत से मुकदमे आपने सुने और पढ़े होंगे, इसमें पति – पत्नी तलाक के लिए एक दूसरे के खिलाफ बहुत से ग्राउंड यानि कारण बताते हैं जिसको सुनने के बाद कोर्ट फैसला लेता है, तलाक के एक मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court)  में पहुंचा लेकिन उसमें पति द्वारा दायर तलाक की अर्जी का कारण बिलकुल अलग था, जिसे सुनकर कोर्ट को थोडा अचरज हुआ लेकिन फिर कोर्ट ने एक अभूतपूर्व निर्णय सुनाते हुए तलाक की अर्जी मंजूर कर ली ।

पति पत्नी का रिश्ता पवित्र होता है, लेकिन कई बार कुछ मामले तलाक की देहरी पर पहुंचकर कोर्ट की शरण में पहुँच जाते हैं, एक मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पहुंचा जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी से तलाक की गुहार लगाई, पति ने कहा कि उसकी पत्नी गुटखा खाती है शराब पीती है और उसे तंग करती है। याचिका कोरबा जिले के बांकीमोगरा में रहने वाले एक युवक ने लगाई थी जिसकी शादी कटघोरा में रहने वाली युवती से मई 2015 में हुई थी ।

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पति ने याचिका में बताया कि शादी के 7 दिन बाद 26 मई की सुबह पत्नी बिस्तर पर बेहोश पड़ी थी, उसे डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि वो शराब पीने के साथ साथ नॉनवेज और गुटखा खाने की आदी है। जब बात खुली तो पति सहित ससुराल के अन्य लोगों ने बहु को समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी।

शराब के नशे में युवती ने पति सहित ससुरालियों को परेशान करना शुरू कर दिया, गुटखा खाकर घर में यहाँ वहां थूकना शुरू कर दिया, मना करने पर झगड़ने लगी, 30 दिसंबर को उसने खुद को आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की, इसके बाद दो बार छत से कूदकर और एक बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की लेकिन हार बार बचा ली गई।

पति ने पत्नी की हरकत से परेशान होकर फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की लेकिन फैमिली कोर्ट ने उसकी अर्जी ख़ारिज कर दी फिर वो फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट गया, हाई कोर्ट में जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डबल बेंच ने मामले को सुना और फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए पति की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली, कोर्ट ने कहा कि “पत्नी अगर पुरुषों की तरह, गुटखा, पान मसाला, शराब के साथ  नॉनवेज खाकर यदि पति को तंग करे तो ये क्रूरता है”


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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