कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बुधवार को हाल ही में संपन्न उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया ब्लॉक के सांसदों द्वारा कथित क्रॉस-वोटिंग की संभावना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को इस मामले की समीक्षा करनी होगी। तिवारी ने बताया कि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 40 प्रतिशत वोट मिले, जो पिछले चुनाव की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा, “मैं सीपी राधाकृष्णन को उनकी जीत पर बधाई देता हूं। अगर क्रॉस-वोटिंग कराई गई, तो यह गलत है, लेकिन मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। कई दल हैं और सभी इसकी समीक्षा करेंगे। इसके बाद मैं आधिकारिक बयान दूंगा।”
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि क्रॉस-वोटिंग की संभावना की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर क्रॉस-वोटिंग हुई है तो इंडिया गठबंधन के प्रत्येक घटक को इसकी गंभीर और व्यवस्थित जांच करनी चाहिए। यह एक बहुत गंभीर मामला है।” उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने इंडिया ब्लॉक के कुछ सांसदों द्वारा विवेक के आधार पर एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को वोट देने का दावा किया। रिजिजू ने एक्स पर लिखा, “इंडिया गठबंधन के कुछ सांसदों को विशेष धन्यवाद, जिन्होंने विवेक के साथ वोट दिया।”
इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार
भाजपा महासचिव बीएल संतोष ने दावा किया कि इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार को उनकी कुल संख्या से 15 वोट कम मिले। उन्होंने एक्स पर लिखा, “वोटिंग बैलट पेपर के जरिए हुई और इंडिया गठबंधन को उनकी संख्या से 15 वोट कम मिले।” मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया। राधाकृष्णन को 452 पहली वरीयता के वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट मिले। 15 वोट अवैध घोषित किए गए।
स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा
उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई 2025 से खाली था, जब जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। बीजू जनता दल (बीजद) ने चुनाव में मतदान से परहेज किया, जबकि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भाग नहीं लिया। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने भी पंजाब में केंद्र और राज्य सरकार से सहायता न मिलने के कारण चुनाव का बहिष्कार किया।





