कोरोना अपडेट- सरकारी पैनल का दावा, फरवरी 2021 में समाप्त हो सकती है कोरोना महामारी

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को ही स्वीकारा कि कोरोना कम्युनिटी ट्रांसमिशन  स्टेज (corona community transmission stage) पर पहुंच चुका है। रविवार को देशभर में कोरोना संक्रमण के 61,871 नए मामले सामने आए हैं और इसी के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 74 लाख पार कर चुकी है। लेकिन इन सबके बीच भारत सरकार द्वारा स्थापित वैज्ञानिकों के पैनलने कहा है कि दावा है कि कोरोना अपने पीक टाइम से गुजर चुका है और फरवरी 2021 तक इसके खत्म होने की संभावना है (corona may end in february 2021)।

आईआईटी हैदराबात के प्रोफेसर एम विद्यासागर के निर्देशन में रिसर्च में जुटे इस पैनल का मानना है कि फरवरी 2021 तक देश में कोरोना का आंकड़ा 1 करोड़ लाख तक पहुंच सकता है। लेकिन इस भयावह आशंका के साथ इस टीम ने ये संभावना भी जताई है कि आने वाले साल के दूसरे महीने तक देश को कोरोना महामारी से मुक्ति मिल सकती है।सरकार की ओर से गठित एक्‍सपर्ट्स की इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि फरवरी 2021 के आखिरी सप्ताह तक कुल मामलों की संख्‍या 1.06 करोड़ हो सकती है और तब तक कोरोना की रफ्तार न के बराबर हो जाएगी। बता दें कि साइंस ऐंड टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍ट्री ने यह पैनल बनाया था जिसमें इसमें देश के नामी वैज्ञानिक संस्‍थान- IITs, IISc बेंगलुरु, ISI कोलकाता और CMC वेल्‍लोर के वैज्ञानिक शामिल हैं। इस टीम का कहना है कि फरवरी 2021 तक ‘न्‍यूनतम सक्रिय संक्रमणों’ के साथ महामारी को कंट्रोल किया जा सकता है। यह रिपोर्ट एक मैथेमेटिकल मॉडल पर बेस्‍ड है। हालांकि इस पैनल का ये भी कहना है कि अगर लोग सावधानी नहीं बरतेंगे और लापरवाही से काम लेंगे, तो ये अनुमान गलत भी साबित हो सकता है। सरकार द्वारा गठित इस वैज्ञानिक पैनल का ये भी कहना है कि करीब तीस फीसदी लोगों में ऐंटीबॉडी मौजूद हो सकती हैं। साथ ही ये साल गुजरने के साथ ही सकल मृत्‍यु-दर कुल संक्रमण का 0.4% रहने का भी अनुमान है।

 

समिति के मुताबिक, अगर भारत ने मार्च में लॉकडाउन न लगाया होता तो देशभर में 25 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई होती। अबतक इस महामारी से 1.14 लाख मरीजों की मौत हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर मार्च में लॉकडाउन न लगाया होता तो 25 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती थी। फरवरी तक संक्रमण खत्म होने की संभावना के बीच ही समिति ने लोगों को सर्दियों के मौसम में बचकर रहने की सलाह भी दी है, इनका कहना है कि सर्दी के मौसम में एक बार फिर संक्रमण बढ़ने का खतरा है इसलिए लोगों को इस दौरान अतिरिक्त सावधान रहने की आवश्यकता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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