नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में 24 घंटे में 90,928 संक्रमित मरीजों (positive case) की पुष्टि हुई है। बीते 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में 55% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। वही कोरोना (corona) के नए वेरिएंट ओमाइक्रोन (omicron) के 2630 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 757 मामले देखने को मिले है। इसके बाद दिल्ली में 465 मामले हैं। इसी बीच एक बार फिर से केंद्र सरकार द्वारा कोरोना गाइड लाइन (corona guideline) में बदलाव किया गया है।
संशोधित गाइडलाइन
दरअसल केंद्र द्वारा जारी संशोधित गाइडलाइन के अनुसार लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं आने के बाद 7 दिन में खुद कोरोना को निगेटिव मान लिया जाएगा। इसके अलावा माइल्ड केस के साथ होम आइसोलेशन में रहने की सुविधा दी जाएगी। बता दे कि अभी तक की जारी गाइडलाइन के मुताबिक 10 दिन में कोरोना के लक्षण नहीं दिखने पर रिपोर्ट निगेटिव मानी जाती थी। जिसे घटाकर 7 दिन किया गया है। इस प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
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- संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव के बाद लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा रहेगी।
- होम आइसोलेशन में परिवार वाले अलग कमरे में रहेंगे।
- ट्रिपल लेयर मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
- परिवार के सदस्यों को भी मास्क लगाना होगा।
- 7 दिन में से अगर 3 दिन तक मरीज को बुखार नहीं होता है तो घबराना नहीं है।
- 7 दिन में खुद को नेगेटिव मानकर अब सामान्य जीवन जी सकेंगे।
- इसके अलावा संशोधित गाइडलाइन के अनुसार 7 दिन बाद कोई टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
- हालांकि दूसरों के साथ कुछ भी शेयर करने पर प्रतिबंध लगाए रखें।
60 वर्ष से अधिक उम्र हैं तो रहे सावधान
वहीं केंद्र के नवीन गाइडलाइन के मुताबिक लगातार 100 डिग्री से ज्यादा फीवर रहने पर आप को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। सांस लेने में दिक्कत आ रही हो। सीने में लगातार दर्द और दबाव महसूस हो, दिमागी तौर पर कंफ्यूजन हो रहा हो। इसके अलावा लगातार थकान और मांस पेशियों में दर्द रहना भी कोरोना की गंभीर लक्षण बताए गए हैं। केंद्र के संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक अगर आपकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो कोई बीमारी है तो सावधान रहें कोई लक्षण है तो ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहे। ऑक्सीजन लेवल गिरता है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की भी मदद ली जा सकती है।
वही कोरोना के बढ़ते केसों के बीच राहत की बात यह है कि कोरोना के वेरिएंट से मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं। हालांकि ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकांश लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं और उनमें हार्ड इम्युनिटी डेवलपमेंट हो चुकी है। जिसके बाद संक्रमण होने के बाद भी लोग जल्दी से ठीक हो रहे हैं। हालांकि लोगों को अभी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अलर्ट रहने की जरूरत है। कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अस्पताल का रुख करें। वर्तमान में से करीब 9 से 10 फीसद लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो रही है।