नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। बीते साल अक्टूबर से महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। दिन प्रतिदिन गैस, पेट्रोल और डीजल के रेट बढ़ते ही जा रहे हैं जिससे खुदरा महंगाई दर मैं बढ़ोतरी हुई है। भारतीय स्टेट बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने केरोसिन तेल और जलावन की लकड़ी का इस्तेमाल अधिक कर दिया है।
यह भी पढ़ें – Indore News: विदिशा की युवती को इंदौर लाकर किया दुष्कर्म, कथित पति सहित 3 आरोपी जेल में
मुख्य आर्थिक सलाहकार एसबीआई के सौम्यकांति घोष ने कहा है कि ओमीक्रोन की लहर आने से पहले हैं इंधन की खपत घटी है जिससे लोगों ने मिट्टी का तेल और लकड़ी का इस्तेमाल इंधन के रूप में करने लगे हैं आने वाले दिनों में यह जोर पकड़ सकता है जो कि उद्योग जगत के लिए अच्छा नहीं है।
यह भी पढ़ें – क्या आप भी अपने बच्चे को प्लास्टिक की बोतल से दूध पिलाते हैं, तो हो जाइये सावधान
सूत्रों के अनुसार यूक्रेन और रूस के युद्ध ने महंगाई पर ज्यादा असर डाला है 22 मार्च के आंकड़े के अनुसार गेहूं प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ दूध रिफाइंड तेल आलू मिर्च चिकन सोना और एलपीजी महंगाई दर को बढ़ा दिया है। वही युद्ध के कारण जानवरों के लिए चारा भी महंगा हो गया है इससे पहले यह चारा यूक्रेन से आयात किया जाता था। इंडोनेशिया में अपने निर्यात नीति में बदलाव करते हुए फॉर्म आयल के आयात में कटौती की है जिससे सोयाबीन तेल की आपूर्ति प्रभावित हो गई है क्योंकि अमेरिका में अनाज की कमी की आशंका बताई जा रही है और कई देशों में दूध के दाम भी काफी बढ़ गए हैं।
यह भी पढ़ें – मंत्री और कमिश्नर को बदनाम करने ‘सत्य’ का असत्य जाल बेनकाब, पुलिस ने मामला किया दर्ज
मार्च 2022 में भारत का खुदरा मूल्य सूचकांक 6.95 बढ़ गया है जबकि फरवरी में यह 6.07 था। खाद्य वस्तुओं में दाम की तेजी इसका मुख्य कारण है।